मुजफ्फरनगर: रिश्वत प्रकरण में अधिशासी अभियंता को हाईकोर्ट से मिली जमानत

मुजफ्फरनगर। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने निर्माण खंड प्रथम के पूर्व अधिशासी अभियंता नीरज सिंह की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। निविदा मंजूर करने के नाम पर ठेकेदार से रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए सहकर्मी अजय कुमार के साथ उन्हें गिरफ्तार किया गया था। विजिलेंस मेरठ की टीम ने 19 फरवरी को मुजफ्फरनगर कार्यालय में कार्रवाई की थी।

प्रकरण में मेरठ के विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) फरवरी में आरोपी अधिशासी अभियंता की जमानत खारिज कर दी थी। सहकर्मी लिपिक अजय कुमार की जमानत भी मेरठ से खारिज हो चुकी है। जमानत पाने के लिए नीरज सिंह की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने सुनवाई के बाद उनकी अर्जी मंजूर कर ली और उन्हें जमानत दे दी। धनराशि के जमानतनामे और मुचलका दाखिल करने के बाद आरोपी जेल से रिहा होगा।
क्या था मामला

19 फरवरी को थाना नई मंडी क्षेत्र में स्थित निर्माण खंड प्रथम के दफ्तर में विजिलेंस की टीम ने नीरज सिंह और सहकर्मी अजय कुमार को गिरफ्तार किया था। वादी बागपत जनपद की बड़ौत कोतवाली के गांव सादतपुर जोनमाना निवासी ठेकेदार प्रियव्रत ने निर्माण खंड एक में पांच टेंडर ऑनलाइन डाले थे। कम दरों के कारण सभी पांचों सड़क निर्माण के कार्य उनके नाम स्वीकृत हुए थे। आरोप है अधिशासी अभियंता ने उक्त कार्यों की लागत का चार प्रतिशत 1.35 लाख रुपये की मांग पूरी किए जाने तक निविदा मंजूर नहीं कर रहे थे। उन्होंने मेरठ विजिलेंस मेरठ की एसपी से शिकायत की। एसपी ने शिकायत की पुख्ता जांच पड़ताल के बाद एक्सईन को रिश्वत देते हुए ट्रैपिंग की योजना बनाई। विजिलेंस टीम को डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने दो नायब तहसीलदारों को स्वतंत्र गवाह के लिए अधिकृत किया।

इस तरह हुई थी गिरफ्तारी

विजिलेंस की टीम ने शिकायतकर्ता ठेकेदार की जेब में वाइस रिकॉर्डर लगाया और रंग लगाकर 500 रुपये के नोटों की दो गड्डियां देकर ऑफिस भेजा। योजना के तहत ठेकेदार ने एक्सईन कक्ष में उनके समक्ष रुपये का इंतजाम होने की बात कहीं। उन्होंने बाबू अजय को बुलाकर रुपये लेने को बोला। जैसे ही बाबू ने रूम में जाकर ठेकेदार से रंग लगी दो गड्डियां पकड़ीं, टीम ने उसे दबोच लिया। उसने एक्सईन नीरज सिंह के कहने पर रिश्वत लेने की बात कबूली। शिकायतकर्ता और एक्सईन की वॉयस रिकॉर्डिंग सुनने बाद उन्हें हिरासत में लिया गया था। थाना नई मंडी में विजिलेंस के निरीक्षक श्यामसिंह पालीवान ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

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