मुजफ्फरनगर। जिला अस्पताल में गंभीर मरीजों के इलाज को लेकर अब बड़ी राहत मिलने जा रही है। अस्पताल में आईसीयू (इंटेंसिव केयर यूनिट) का निर्माण कार्य पूरा हो गया है और इसे पूरी तरह चालू कर दिया गया है। फिलहाल यहां दो वेंटिलेटर लगाए गए हैं, जिससे आपात स्थिति में मरीजों को बेहतर उपचार मिल सकेगा। पहले वेंटिलेटर सुविधा की कमी के कारण गंभीर मरीजों को मेरठ या मेडिकल कॉलेज रेफर करना पड़ता था, जिससे न केवल समय बर्बाद होता था बल्कि कई बार मरीज की हालत और बिगड़ जाती थी। अब स्थानीय स्तर पर ही गंभीर रोगियों का उपचार संभव होगा।
सीएमएस डॉ. संजय कुमार वर्मा ने बताया कि आईसीयू को प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ के साथ शुरू कर दिया गया है, जो 24 घंटे सेवा देंगे। अभी दो वेंटिलेटर उपलब्ध हैं, लेकिन भविष्य में सुविधाओं को और आधुनिक बनाने की योजना है। पहले आइसोलेशन वार्ड में आईसीयू की व्यवस्था थी, लेकिन अब इसे हार्ट यूनिट में स्थापित किया गया है। इसके नोडल अधिकारी वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. योगेंद्र त्रिखा को बनाया गया है।
इसके अलावा, डॉ. त्रिखा को डायलेसिस यूनिट और अब आईसीयू दोनों का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। प्रशासन का कहना है कि पारदर्शी व नियमित निगरानी से मरीजों को अधिक लाभ मिलेगा।
उधर, डेंगू और वायरल बुखार के बढ़ते मामलों को देखते हुए अस्पताल सतर्क है। सीएमएस ने बताया कि ओपीडी में बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। डेंगू और मलेरिया की जांच पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अस्पताल में डेंगू मरीजों के लिए अलग वार्ड भी तैयार किया गया है।