मुज़फ्फरनगर। खालापार के जामिया नगर में पिछले 2 सालों से भूसा का कारोबार कर रहे इरशाद उर्फ भूरे ने जानकारी देते हुए बताया कि अब से 15 दिन पहले पशु चारा मतलब भूसा साडे ₹500 प्रति क्विंटल की दर से बेचा जा रहा था। लेकिन इसके बाद धीरे-धीरे भूसे के दाम ने रफ्तार पकड़ी और 15 दिन के बाद ही 1150 रु प्रति क्विंटल की दर से बिकने लगा। जिसकी वजह से पशु पालकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ा है और उनके द्वारा बेचे जा रहे दूध पर कोई दाम नहीं बढ़ा है। जिसकी वजह से जनपद के दूध कारोबारी परेशान वह चिंतित है। इरशाद ने बताया कि दूध ₹50 प्रति किलो बिक रहा है। जबकि भूसा डबल रेट पर बिक रहा है। इसकी वजह से दूध विक्रेताओं पर कर्जा बढ़ता हीं जा रहा है। इरशाद ने बताया कि जबसे भूसे को गत्ता मिलों ने खरीदना शुरू किया है। तभी से भूसे पर लगातार महंगाई बढ़ती जा रही है। विश्व हिंदू परिषद की माने तो गत्ता मिलों के पास भंडारण का काफ़ी स्थान होता है और वे आर्थिक रूप से भी सशक्त होते हैं। जिसकी वजह से भूसे की कमी आ जाती है और पशु चारा महंगा हो जाता है। जिसके शिकार मध्यवर्गीय पशु किसान होते हैं। वही इसके खिलाफ कई संगठनों ने भी आवाज उठानी शुरू कर दी है। इस संबंध में एक ज्ञापन विश्व हिंदू परिषद ने जिलाधिकारी को दिया। उसके बाद शिवसेना, क्रांति सेना वह समाजसेवी दिलशाद पहलवान ने भी इसके खिलाफ आवाज उठाई थी।