निकाय आरक्षण तय होते ही मुजफ्फरनगर में नेता जोड़तोड़ में जुट गए हैं। सपा, बसपा और भाजपा तथा रालोद नेताओं ने अपनी अपनी सियासी गोटियां बैठाने की मशक्कत शुरू कर दी। पूर्व विधायक नवाजिश आलम ने शुक्रवार को छोटे भाई रविश आलम को साथ लेकर रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी से मुलाकात की। पूर्व विधायक ने बताया कि उन्होंने निकाय आरक्षण तय होने के बाद अपने नेता संग सामान्य चर्चा की। नवाजिश आलम ने दावा किया कि इस बार निकाय चुनाव में सपा के साथ ही रालोद गठबंधन कर ताल ठोंकने की तैयारी कर रहा है। नगर पालिका मुजफ्फरनगर अध्यक्ष पद इस बार भी महिला के लिए आरक्षित होने के कारण नेता गण अपने परिवार की महिलाओं के लिए अधिक चिंतित नजर आ रहे हैं।
रालोद नेता और पूर्व विधायक नवाजिश आलम का कहना है कि निकाय चुनाव में भी रालोद का गठबंधन सपा के साथ रहेगा। ऐसे में दोनों दलों के नेता निकाय चुनाव में प्रत्याशी चयन आपसी बातचीत के आधार पर करेंगे। उन्होंने बताया कि निकाय चुनाव में गठबंधन तय है लेकिन किस सीट पर किस दल का प्रत्याशी चुनावी ताल ठोकेंगा इसका फैसला दोनों पार्टियों का शीर्ष नेतृत्व करेगा।
कई सियासतदानों को इस बार होना पड़ेगा मायूस
मुजफ्फरनगर पालिका अध्यक्ष पद सीट महिला के लिए आरक्षित होने से कई पारंपरिक सियासतदानों को मायूस होना पड़ेगा। गत चुनाव में भाजपा ने मुजफ्फरनगर सीट से अरविंद राज शर्मा की पत्नी सुधा राज शर्मा बसपा ने जियाउर्रहमान की पत्नी मुदस्सिर रहमान और कांग्रेस ने तत्कालीन पालिका चेयरमैन पंकज अग्रवाल की चाची अंजू अग्रवाल को अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी बनाया था। हालांकि अंजू अग्रवाल का टिकट काफी उठापटक के बाद तय हुआ था। कांग्रेस ने तत्कालीन महिला जिलाध्यक्ष बिलकीस चौधरी के नाम की घोषणा के बाद उनका टिकट काट दिया था और अंजू अग्रवाल को अंतिम रूप से पार्टी प्रत्याशी घोषित कर दिया था। अंजू अग्रवाल ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर भाजपा ज्वाइन कर ली थी। खतौली नगरपालिका परिषद अध्यक्ष पद सीट इस बार ओबीसी के लिए आरक्षित की गई।