मुजफ्फरनगर: सांसद हरेंद्र मलिक, पूर्व मंत्री संजीव बालियान और कपिल देव कोर्ट में पेश हुए

मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान नंगला मंदौड़ पंचायत के परिवार के मामले में सपा सांसद हरेंद्र मलिक, पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान, कौशल विकास राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल समेत 13 आरोपी कोर्ट में पेश हुए। बचाव पक्ष ने कहा कि उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है, अभी तक तलब भी नहीं किया गया। ऐसे में मुकदमा क्यों चल रहा है। अदालत ने प्रार्थना पत्र पर फैसले के लिए नौ जुलाई की तिथि तय की है।

नंगला मंदौड़ इंटर कॉलेज के मैदान पर 31 जुलाई 2013 को हुई पंचायत के मामले में तत्कालीन एडीएम प्रशासन की ओर से 21 आरोपियों के खिलाफ धारा 188 में परिवाद दर्ज कराया गया था। प्रकरण की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन/विशेष एमपी एमएलए कोर्ट के पीठासीन अधिकारी देवेन्द्र सिंह फौजदार ने की।विज्ञापन

बचाव पक्ष के अधिवक्ता विनोद गुप्ता ने बताया कि सपा सांसद हरेंद्र मलिक और कौशल विकास राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल की ओर से प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया, जिसमें उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं होने के कारण केस बंद करने की बात कही गई थी। 
अदालत ने मुकदमें में नामजद 21 आरोपियों को समन जारी किए। शनिवार को 13 आरोपी अदालत में हाजिर हुए। अदालत ने प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की।

इनके खिलाफ दर्ज हुआ था मुकदमा
परिवाद में पूर्व मंत्री सुरेश राणा, सपा सांसद हरेंद्र मलिक, पूर्व मंत्री डॉ. संजीव बालियान, पूर्व सांसद भारतेंद्र सिंह, पूर्व सांसद सोहनवीर सिंह, पूर्व विधायक अशोक कंसल, पूर्व विधायक उमेश मलिक, श्यामपाल, बिटूटू, एमएलसी अशोक कटारिया, साध्वी प्राची, वीरेंद्र सिंह, यशपाल पंवार, नृसिंहानंद उर्फ दीपक त्यागी, कल्लू, योगेश, सचिन, रविंद्र मिंटू और शिव कुमार नामजद किए गए।

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