मुजफ्फरनगर में चरथावल क्षेत्र के एक गांव में युवती और उसके भतीजे की गर्दन काटकर हत्या के मामले में फिर नया मोड़ आ गया है। अदालत ने आरोपियों पर गैंगस्टर की धाराओं में दोष सिद्ध कर दिया है। सजा के प्रश्न पर मंगलवार को सुनवाई होगी। गैंगस्टर कोर्ट के पीठासीन अधिकारी अशोक कुमार ने सुनवाई की।
वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी संदीप सिंह, विशेष लोक अभियोजक दिनेश सिंह पुंडीर और राजेश शर्मा ने बताया कि चरथावल क्षेत्र के गांव में 19 दिसंबर 2017 को 18 साल की युवती अपने भतीजे के साथ खेत पर गन्ना छीलने के लिए घर से निकली थी, लेकिन संदिग्ध हालात में दोनों लापता हो गए। अगले दिन दोनों के गर्दन कटे शव ईंख के खेत में बरामद हुए थे।
वहीं, पुलिस ने जांच शुरू की तो गांव के ही मुकम्मिल, जानू उर्फ जान आलम, फड्डू उर्फ शराफत के नाम सामने आए। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक विंध्याचल तिवारी ने तीनों अभियुक्तों का गैंगस्टर एक्ट में भी चालान किया था। गैंगस्टर एक्ट में छपार के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक ह्रदय नारायण सिंह ने तीनों के विरुद्ध आरोप पत्र गैंगस्टर कोर्ट में दाखिल की।
प्रकरण की सुनवाई गैंगस्टर कोर्ट के पीठासीन अधिकारी अशोक कुमार की अदालत में हुई। तीनों अभियुक्तों पर दोष सिद्ध हो गया है। सजा के प्रश्न पर मंगलवार को सुनवाई होगी।
हत्या में किए गए थे दोषमुक्त, पर नहीं मिली जमानत
दोहरे हत्याकांड का यह सनसनीखेज मामला पिछले दिनों खूब चर्चा में रहा था। हत्या का मूल अभियोग अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायालय एससी एसटी एक्ट कोर्ट संख्या दो में विचाराधीन था, जिसमें तीनों आरोपियों को 10 अप्रैल को दोषमुक्त कर दिया गया था। लेकिन गैंगस्टर की धाराओं में जमानत नहीं होने पर अभी तीनों जेल में ही बंद थे।