मुजफ्फरनगर: बाण-गंगा नदी का पानी दूषित होने से संतों में आक्रोश

मुजफ्फरनगर में पौराणिक धर्म नगरी शुक तीर्थ में बहती बाण-गंगा नदी अचानक दूषित हो गई है। नदी का पानी दूषित होने के कारण जलीय जंतुओं पर जीवन का संकट आ खड़ा हुआ है। जिससे नाराज संतो ने नदी में खड़े होकर प्रदर्शन किया। उन्होने कहा कि बाण-गंगा में लगातार दूषित पानी बह रहा है। जिससे संत समाज के बीच नाराजगी पैदा हो गई है। संत समाज के लोगों ने नदी में बढ़ते प्रदूषण पर नाराजगी व्यक्त करते हुए पानी में खड़े होकर प्रदर्शन किया। दूषित जल के कारण आचमन भी नहीं कर पा रहे।

बाण-गंगा में दूषित पानी आने से स्थानीय और संत समाज के लोगों में रोष है। जिस पर क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी अंकित सिंह ने पानी के नमूने लेकर जांच कराई। बताया कि प्रदूषण के कारण नदी के पानी में डिजाल्व ऑक्सीजन का स्तर .8 मिली ग्राम प्रति लीटर रह गया है। जो जलीय जीवों के लिए अनुकूल नहीं है। नदी के काले पानी में मृत मछलियां नज़र आ रही है।

बाण-गंगा में दूषित पानी।

उत्तराखंड से आ रहा नदी में गंदा पानी
बाण-गंगा के पानी में प्रदूषण बढ़ने की वजह उत्तराखंड से छोड़ा जा रहा गंदा पानी है। उत्तराखंड रुड़की क्षेत्र में बहने वाला इदरीशपुर नाला बाण-गंगा के पानी को दूषित कर रहा है। इस नाले के माध्यम से फैक्ट्रियों से निकला गंदा पानी बाण-गंगा में आ रहा है।

समस्या के निदान का आश्वासन
संतो के प्रदर्शन की सूचना पर शुक तीर्थ पहुंचे जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीरपाल निरवाल ने बाण-गंगा में प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने स्थिति की जानकारी लेकर संतों को आश्वस्त किया कि वह उत्तराखंड के अधिकारियों से वार्ता कर समस्या का निदान करेंगे। उन्होंने अधिकारियों से चिंता व्यक्त की।

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