मुजफ्फरनगर: एसएसपी से पत्नी, बेटी व बहन को बरामद कराने की गुुहार लगाई

मुजफ्फरनगर जनपद में महिला व उसकी नाबालिग बेटी तथा ननद के बेचने जैसे गंभीर आरोप में भी पुलिस संवेदनहीन बनी है। पुलिस ने इस मामले में 27 माह बाद अपहरण व गुमशुदा होने का मुकदमा दर्ज किया है। लेकिन कार्रवाई के नाम पर कोई कदम नहीं उठाया। मंगलवार को पीड़ित ने बजरंग दल कार्यकर्ताओं के साथ एसएसपी से मिलकर न्याय की गुहार लगाई। एसएसपी ने कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

जानकारी के अनुसार थाना रतनपुरी के गांव डबल निवासी सोनू अपने तीन बच्चों व विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के नगर अध्यक्ष विकास अग्रवाल के साथ कार्यालय में एसएसपी से मिला। सोनू ने बताया कि 19 फरवरी 2019 को उसके ससुराल वाले घर आए थे। उन्होंने पचास हजार की मांग की, जिस पर उसने मना कर दिया।


अगले दिन वह सोकर उठा तो घर पर ससुराल वाले व उसकी पत्नी, छह वर्षीय बेटी और बहन (11) घर पर नहीं थी। ससुराल वाले उन्हें अपहरण कर ले गए थे। उसने उनसे संपर्क किया, लेकिन उसे कोई जानकारी नहीं दी। 

उसने रतनपुरी थाना व अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। शिकायतबाजी करने पर थाना पुलिस ने ससुराल वालों से मिलीभगत कर उसके व उसके पिता के खिलाफ अपहरण व दुष्कर्म के प्रयास का झूठा मुकदमा दर्ज कर दोनों को जेल भेज दिया। डेढ़ माह बाद जमानत पर आकर उसने फिर से तीनों की तलाश शुरू की। इस बीच दो साल बीत गए। सात मई 2021 को उसकी तहरीर पर अधिकारियों केे आदेश पर कई ससुरालियों व फुलत निवासी साजिद के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस ने साजिद को जेल भेज दिया, लेकिन बाकी आरोपियों के बारे में जानकारी नहीं की।
 आरोपियों ने उसे रुपये देकर चुप बैठने को कहा। पीड़ित ने एसएसपी से अपनी पत्नी, बेटी व बहन को बरामद कराने की गुुहार लगाई। एसएसपी अभिषेक यादव ने थाना रतनपुरी पुलिस को कार्रवाई के आदेश दिए है। 

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