मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान नंगला मंदौड़ पंचायत से ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार होकर घर लौट रहे किसान सोहनवीर सिंह की अपहरण के बाद हत्या के मामले में अदालत ने साक्ष्य के अभाव में 16 आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया। अपर सत्र न्यायालय/फास्ट ट्रैक कोर्ट संख्या-एक के पीठासीन अधिकारी निशांत सिंगला ने फैसला सुनाया।
नंगला मंदौड़ में सात सितंबर 2013 को पंचायत से ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार होकर भोकरहेड़ी कस्बे के किसान घर लौट रहे थे। चौधरी चरण सिंह कांवड़ मार्ग पर नंगला बुजुर्ग के निकट हमलावरों ने किसानों को घेरकर हमला कर दिया। हमलावर सोहनवीर सिंह को खींचकर ले गए थे। वादी जोगेंद्र वर्मा ने अपहरण और हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।
पुलिस ने नंगला बुजुर्ग गांव के 16 आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग आरोप पत्र दाखिल किए थे। अभियोजन पक्ष अदालत में आरोपों को साबित नहीं कर सका। साक्ष्य के अभाव में अदालत ने सभी आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया है।
ये आरोपी हुए दोषमुक्त
नंगला बुजुर्ग निवासी नजर मोहम्मद, कासिम, जहीर आलम, गय्यूर, मीर हसन, खालिद, गुलशेर, शमशाद, मुस्तफा, जाना उर्फ जान, अफसर, फखरुल, अनवार, जानू, जावेद, टीटू को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया गया है। तीन सत्र परीक्षणों का फैसला एक साथ आया।
ये था मामला
नंगला मंदौड़ में सात सितंबर 2013 को पंचायत से भोकरहेड़ी कस्बे के लोग ट्रैक्टर-ट्रॉली पर सवार होकर घर लौट रहे थे। शाम करीब चार बजे नंगला बुजुर्ग के जंगल में गंगनहर के पुल पर हमलावरों ने ट्रैक्टर-ट्रॉली को घेरकर हमला कर दिया था। सोहनवीर सिंह को घसीटते हुए ले गए थे। ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार अन्य लोगों ने किसी तरह भागकर जान बचाई थी।