मुजफ्फरनगर में अल्पसंख्यक छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का मामला सामने आया है। मेडिकल कॉलेज और श्रीराम कॉलेज ऑफ फार्मेसी समेत 10 शिक्षण संस्थानों में करीब 46.36 लाख रुपये का घोटाला हुआ। जांच में पता चला कि कुछ कॉलेजों ने फर्जी छात्रों के नाम से छात्रवृत्ति हड़प ली।
जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के वरिष्ठ सहायक ने सिविल लाइंस थाने में इन संस्थानों के 21 पदाधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। सबसे बड़ा घोटाला केपीएस गर्ल्स कॉलेज ऑफ एजुकेशन, अलीपुर कलां में 15 लाख रुपये का पाया गया।
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मैत्री रस्तोगी ने बताया कि जांच में यह सामने आया कि छात्रवृत्ति के लिए भेजी गई सूचियों में अपात्र छात्रों के नाम शामिल थे। कई मामलों में दस्तावेज फर्जी पाए गए और कुछ छात्र मौजूद ही नहीं थे। जांच शासन के आदेश पर खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा कराई गई थी।
उन्होंने बताया कि 17 कॉलेजों की जांच में 10 संस्थानों में गड़बड़ी पकड़ी गई। यह मामला वर्ष 2021-22 का है, जिसमें प्री-मैट्रिक (कक्षा 9 व 10), पोस्ट-मैट्रिक (कक्षा 11 व 12) और डिग्री पाठ्यक्रम के छात्रों के नाम पर फर्जीवाड़ा हुआ। जिन छात्रों के खातों में छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति की राशि गई, उनका कॉलेज रिकॉर्ड में कोई अस्तित्व नहीं मिला।
सिविल लाइंस थाने में दर्ज मुकदमे में संस्थानों के हेड ऑफ इंस्टिट्यूट (HOI) और इंस्टिट्यूट नोडल ऑफिसर (INO) आरोपित हैं। थानाध्यक्ष आशुतोष कुमार सिंह ने बताया कि कुल 20 नामजद और एक अज्ञात आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और जांच जारी है।