उत्तराखंड में बारिश से खादर क्षेत्र के छह गांव के रास्तों और जंगल में पानी भरा है। ग्रामीणों के सामने आवागमन और चारे का संकट खड़ा होने लगा है। प्रशासन ने बाढ़ चौकियों को अलर्ट किया है। उत्तराखंड में शिवालिक की पहाड़ियों से आ रहे पानी के कारण सोलानी नदी उफान पर है।
पानी नदी से बाहर निकलकर गांवों के रास्तों पर भर गया है। खादर क्षेत्र के कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। पानी घरों के अंदर तक घुस जाने से ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है। खेतों में पानी भर जाने से धान, गन्ने और ज्वार की फसलें बर्बाद हो गई हैं।
ग्रामीण जान जोखिम में डालकर नाव में बैठकर नदी पार करने को मजबूर हैं। गांव भदोला, पांचली, मारकपुर, रामनगर, रजगल्लापुर, शेरपुर नंगला समेत छह से अधिक गांव में संकट बढ़ा है।
शुक्रवार को पानी और बढ़ जाने से पानी गांव रामनगर, रजगल्लापुर, शेरपुर नगला, रतन पुरी के कई घरों में घुस गया, जिससे घरों में रखा सामान खराब हो गया और ग्रामीण घरों में कैद होकर रह गए। लेखपाल प्रदीप सैनी का कहना है कि शनिवार तक पानी कम होने की संभावना है। गांवों को अलर्ट किया गया है।
क्या कहते हैं ग्रामीण
सरदार देवेंद्र खालसा, कुलवंत सिंह, जोगेंद्र सिंह, गुरमीत सिंह, जसविंदर सिंह, राजू प्रजापति, राजेंद्र पांचली, यादराम प्रजापति, गुलशन कुमार ने बताया कि खेतों में करीब करीब पांच फीट पानी भर गया है। गन्ने की फसल को भी नुकसान पहुंच रहा है। चारे की फसल बर्बाद हो जाने से पशुओं के लिए हरे चारे की समस्या आ गई है। हरा चारा नहीं मिलने से पशुओं को भूसा खिलाना पड़ रहा है ।
मजदूरों के सामने सबसे बड़ी समस्या
ग्रामीण बताते हैं कि रोजाना मजदूरी कर घर चलाने वाले लोग अधिक परेशान हैं। वह मजदूरी पर नहीं जा पा रहे हैं। उनके समक्ष परिवार के पालन पोषण की समस्या खड़ी हो गई है।
पहाड़ियों से आता है पानी
सिंचाई विभाग के जेई अनिल कुमार ने बताया कि शिवालिक की पहाड़ियों से पानी नदी में आता है। शुक्रवार को बारिश बंद हो जाने से पानी बंद हो गया है। शनिवार तक खादर क्षेत्र में पानी का स्तर कम हो जाएगा।
पानी आते ही इन गांव में बढ़ता है खतरा
पुरकाजी खादर क्षेत्र के बढ़ीवाला भैंसली, आयकी, उदियावाली, रतनपुरी, रामनगर, रजकल्लारपुर, शेरपुर, शेरपुर नंगला, चानचक, चमरावाला बड़ा, जिंदावाला, खेड़की, हुसैनपुर, धुमनपुरी दादूपुर, भदौला फार्म, फरकपुर, पांचली और मारकपुर में खतरा बढ़ जाता है। इन गांवों में करीब 12 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित होते हैं।