मुजफ्फरनगर: राजकरण की हत्या में आरोपी महिला सहित दो दोषमुक्त

अदालत ने 15 साल पहले राजकरण की हत्या में आरोपी महिला सहित दो आरोपियों  को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। चर्चित वारदात के बाद से  फरार चल रहे तीन आरोपियों का पुलिस पता नहीं लगा सकी। सत्र परीक्षण के दौरान दो आरोपियों की मौत हो चुकी है। एडीजे एफटीसी कोर्ट नंबर-3 के पीठासीन अधिकारी कमलापति ने फैसला सुनाया। 

घटना भोपा थाना क्षेत्र की है। 12 मई वर्ष 2010 भोपा गांव में खेत पर काम कर रहे राजकरण पर मुकदमे में गवाही देने की रंजिश में अंधाधुंध फायरिंग करते हुए मौत के घाट उतार दिया था। मृतक की पत्नी सुशीला ने बाला, नीरज, धीरज, कुसुम पत्नी सेंहसरपाल, मोहित और विक्रम के खिलाफ मुकदमा कायम कराया। इनके अलावा घटना के वक्त एक केस में कारागार में बंद ऋषिपाल को साजिश का आरोपी बनाया गया।

आरोपी नीरज और धीरज पहली घटना से फरार चल रहे है। पुलिस ने कुर्की वारंट के बाद दोनों पर ईनाम घोषित किया। वहीं, जमानत के बाद एक आरोपी मोहित फरार हो गया। तीनों हत्यारोपियों का पुलिस आज तक पता नहीं लगा पाई। दौरान सत्र परीक्षण आरोपी बाला और विक्रम की मृत्यु हो गई। 

अभियोजन पक्ष की ओर से चश्मदीद सुशीला और इन्द्रेश सहित छह गवाह प्रस्तुत किए गए।  अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद महिला कुसुम एवं ऋषिपाल को दोषमुक्त कर दिया। 

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