मुज़फ्फरनगर में सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश पर न्यायालय परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। लोक अदालत का शुभारंभ जनपद न्यायाधीश डॉ. अजय कुमार, अपर जिला जज अंजनी कुमार सिंह, रितेश सचदेवा एवं बार संघ एवं सिविल बार के पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया।
इस अवसर पर जनपद न्यायाधीश डॉ. अजय कुमार ने बैंक अधिकारियों को एनपीए (गैर-निष्पादित संपत्ति) हो चुके ऋणों की वसूली के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बैंकों को ऐसे मामलों का निस्तारण न्यूनतम ब्याज पर करना चाहिए, ताकि राष्ट्र की आर्थिक हानि को कम किया जा सके।
अपर जिला जज अंजनी कुमार सिंह ने अपने संबोधन में बताया कि पिछले कई वर्षों से मुज़फ्फरनगर की अदालत वादों के त्वरित निस्तारण में प्रदेश में शीर्ष स्थान पर बनी हुई है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत का उद्देश्य लोगों को शीघ्र और सुलभ न्याय प्रदान करना है, जिससे मुकदमों का बोझ कम हो और न्याय व्यवस्था सुचारु बनी रहे।
अपर जिला जज रितेश सचदेवा ने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से विवादों का निपटारा आपसी सहमति से किया जाता है, जिससे न्याय प्रक्रिया अधिक सहज और प्रभावी होती है।
राष्ट्रीय लोक अदालत में बड़ी संख्या में मामलों का निस्तारण किया गया, जिसमें बैंक ऋण, पारिवारिक विवाद, मोटर दुर्घटना दावा सहित विभिन्न प्रकार के वाद शामिल थे। इस पहल से न केवल न्यायिक प्रक्रिया में तेजी आई, बल्कि आम जनता को भी त्वरित और किफायती न्याय प्राप्त हुआ।