शौचालय निर्माण के 35,000 आवेदनों में से 25,775 फर्जी, 9,225 सत्यापित

मुजफ्फरनगर: डीपीआरओ विभाग में व्यक्तिगत शौचालय निर्माण के लिए प्राप्त 35,000 आवेदनों में से 25,775 आवेदन जांच के दौरान फर्जी पाए गए हैं। ये आवेदन असंगत पाए गए हैं, जिनमें से कुछ लोग पहले ही शौचालय निर्माण के पात्र थे। वहीं, जांच में 9,225 आवेदन सही पाए गए, और इन लोगों के शौचालय बनवाए गए हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है, और इसके लिए प्रत्येक पात्र व्यक्ति को 12,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है, जो दो किश्तों में वितरित होती है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान इस योजना के तहत 35,000 आवेदन प्राप्त हुए थे।

डीपीआरओ विभाग द्वारा इन आवेदनों की गहन जांच की गई, जिसमें 25,775 आवेदनों को अस्वीकार कर दिया गया, क्योंकि वे सही नहीं पाए गए थे। वहीं, 9,225 आवेदनों को सही मानते हुए शौचालयों का निर्माण किया गया। इसके अतिरिक्त, 1,139 नए आवेदन अभी भी जांच के तहत हैं। अब तक जिले में कुल 1,10,915 शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है।

धर्मेंद्र कुमार, डीपीआरओ, ने बताया कि व्यक्तिगत शौचालय निर्माण के लिए कुल 35,000 आवेदन आए थे, जिनमें से 25,775 गलत पाए गए थे और उन्हें निरस्त कर दिया गया, जबकि 9,225 आवेदन सही थे, जिनके शौचालय निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है।

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