भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान नेता चौधरी राकेश टिकैत ने किसानों के लिए किए गए बजट प्रविधान पर असहमति जताई है। उन्होंने कहा कि जब तक किसानों की जेब में सीधा पैसा नहीं जाएगा उनका भला नहीं होगा।
राकेश टिकैत ने कहा कि यदि किसानों को सिंचाई के लिए मिलने वाला पानी मुफ्त किया जाए तो कुछ लाभ हो सकता है। राकेश टिकैत ने कहा कि इस बार बजट में कुछ भी नया नहीं रहा। सरकार घोषणा तो करती है लेकिन देती कुछ नहीं। उन्होंने कहा कि सरकार ने बजट में गन्ना भुगतान की बात की है, लेकिन इसमें सरकार की क्या भूमिका।
सोलर पैनल पर मिले सब्सिडी
किसान नेता ने कहा कि किसान ने गन्ना दिया और चीनी मिलों ने उसका भुगतान कर दिया। इसमें सरकार की क्या भूमिका है। उन्होंने कहा कि सरकार सिंचाई के लिए किसानों को मुफ्त पानी दे। मुफ्त बिजली दे तो कुछ लाभ होगा। उन्होंने कहा कि बिजली बचाने के लिए वैकल्पिक ऊर्जा की व्यवस्था होनी चाहिए। यदि सरकार छतों पर लगाए जाने वाले सोलर पैनल पर सब्सिडी दे तो किसानों को लाभ पहुंचेगा। इसे देश और प्रदेश की बिजली भी बचेगी।
दुर्घटना बीमा होना चाहिए
सोलर एनर्जी वाले इक्विपमेंट पर छूट मिलनी चाहिए। भूमिहीन किसानों खासतौर से खेत मजदूरों का दुर्घटना बीमा होना चाहिए। राकेश टिकैत ने कहा कि यदि सरकार मनरेगा में किसानों को उनके खेतों में काम करने का पैसा दे, तो काफी लाभ पहुंचेगा। उन्होंने सवाल उठाया कि जब फसल के दाम ठीक नहीं मिल रहे तो किसानों के खातों में पैसा पहुंचना चाहिए।
किसानों को बेचनी पड़ रही जमीन
उन्होंने तेलंगाना की पॉलिसी का उदाहरण दिया। कहा कि वहा प्रत्येक किसान को 10 हजार प्रति एकड़ की सब्सिडी मिलती है। उन्होंने कहा कि सरकार दूध डेयरी पर छूट की बात करती है, लेकिन सच्चाई यह है कि जिसने भी दूध डेयरी खोली उस किसान को अपनी जमीन बेचनी पड़ी है। सरकार की यह पॉलिसी बिल्कुल ठीक नहीं है। एक सवाल के जवाब में चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि किसान को 5 लाख का दुर्घटना बीमा मिलता है। लेकिन यह पहले से योजना है।