रामपुर तिराहाकांड: तत्कालीन एसओ खतौली के पक्ष में आए गवाह से की गयी जिरह

मुजफ्फरनगर। रामपुर तिराहाकांड से जुड़े सरकार बनाम एसपी मिश्रा और सरकार बनाम ब्रजकिशोर मामले में गुरुवार को सुनवाई हुई। सरकार बनाम एसपी मिश्रा मामले में बचाव पक्ष के गवाह ने कोर्ट में सीबीआई ने जिरह की। वहीं सरकार बनाम ब्रजकिशोर मामले में सीबीआई ने अपनी बहस की। कोर्ट ने दोनों मामलों में सुनवाई के लिए 14 फरवरी की तिथि नियत की है। एक अक्टूबर 1994 की रात पृथक राज्य की मांग के लिए दिल्ली जा रहे उत्तराखंड के आंदोलनकारियों को पुलिस ने रामपुर तिराहे पर रोक लिया था। आरोप है कि पुलिस की तरफ से की फायरिंग में सात आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी। वहीं महिलाओं से छेड़छाड़ व दुष्कर्म के मामले भी सामने आए थे। इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई की तरफ से सात मुकदमे दर्ज कराए गए थे।

उत्तराखंड सघर्ष समिति के अधिवक्ता अनुराग वर्मा, रिंकू वर्मा व रजनीश चौहान ने बताया कि गुरुवार को सरकार बनाम एसपी मिश्रा मामले में खतौली थाने में तैनात तत्कालीन हेड कांस्टेबल महेन्द्र सिंह कोर्ट में पेश हुए। उनसे सीबीआई ने जिरह की। उन्होंने बताया कि वह तत्कालीन एसओ खतौली के साथ रामपुर तिराहे पर मौजूद थे।

उन्होंने बताया कि इस दौरान एसपी मिश्रा कहीं नहीं गए और न उन्होंने किसी शव को ठिकाने लगाने के लिए वहां से गए। घटना के दौरान एसपी मिश्रा व संजय सिंह घायल भी हुए थे। वहीं सरकार बनाम ब्रज किशोर मामले में सीबीआई ने अपनी बहस की। दोनों मामलों में सुनवाई के लिए कोर्ट ने 14 फरवरी की तिथि नियत की है।

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