शाहपुर में दबंगों और नेताओं का दबदबा, पुलिस कार्रवाई पर उठे सवाल

शाहपुर (मुजफ्फरनगर)। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कानून व्यवस्था का दावा तो किया जाता है, लेकिन जिला मुजफ्फरनगर के थाना शाहपुर में योगीराज की बजाय दबंगों और नेताओं का राज चलता नजर आ रहा है। यहां पीड़ितों को न्याय मिलने की बजाय उन्हें थाने के चक्कर लगाने पर मजबूर किया जाता है, जबकि अपराधी बेखौफ घूमते हैं।

गांव कुटबी निवासी सुनील पुत्र रमेशचंद्र हरिजन के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। सुनील करीब एक महीने से थाना शाहपुर के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन पुलिस ने उनकी मदद करने की बजाय दबंगों के खिलाफ कार्रवाई से परहेज किया है।

घटना 26 जून की है, जब गांव के दबंग युवक अनुज पुत्र कोमल ने बिना किसी कारण के सुनील को जातिसूचक शब्दों से गालियां देते हुए जान से मारने की धमकी दी और मारपीट की। सुनील ने इस पर शाहपुर थाने पहुंचकर पुलिस से शिकायत की, लेकिन पुलिस ने उल्टा उन्हें धमकाकर थाने से भगा दिया।

हालांकि, घटना के दो दिन बाद थाना दिवस के दौरान एसपी देहात आदित्य बंसल के आदेश पर दबंग युवक के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा पंजीकृत किया गया और मामले की जांच सीओ बुढ़ाना गजेंद्र पाल सिंह को सौंप दी गई। इसके बाद, पुलिस ने दबंग युवक के भाई को हिरासत में लिया, लेकिन दबंगों के दबाव में उसे दो घंटे बाद छोड़ दिया गया, जिससे युवक के हौसले और भी बुलंद हो गए।

मुकदमा पंजीकृत होने के बावजूद आरोपी युवक ने फैसले का दबाव बनाने के लिए पीड़ित के घर पर दो बार फायरिंग की, जिससे परिवार लगातार भय और अत्याचार का सामना कर रहा है। शनिवार को भी आरोपी युवक के भाई ने पीड़ित के 5 वर्षीय पुत्र शिवा के सिर में शराब की खाली बोतल मारकर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। इस घटना की सूचना मिलने पर पीड़ित परिवार ने घायल बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया और फिर शाहपुर थाने पहुंचे, जहां पुलिस ने उन्हें एक और तहरीर देने के लिए कहा।

पूरे मामले में शाहपुर पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि 28 दिन बीत जाने के बाद भी आरोपी युवक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। अब यह देखना बाकी है कि क्या थाना शाहपुर में योगीराज और कानून का राज स्थापित होता है या फिर दबंगों और नेताओं का ही प्रभाव कायम रहता है।

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