मुजफ्फरनगर में पुलिस ने जाली करेंसी छापने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। शहर कोतवाली और एसओजी की संयुक्त टीम ने 6 शातिरों को गिरफ्तार कर 5 लाख 30 हजार रुपये के जाली नोट, प्रिंटर, लैपटॉप, जाली नोट बनाने के उपकरण, 5 मोबाइल फोन और एक बुलेट बरामद की।
पुलिस लाइन में आयोजित प्रेस कांफ्रेस के दौरान एसपी देहात आदित्य बंसल के मुताबिक, बीती रात पुलिस टीम चुंगी-02 पर संदिग्ध वाहनों की जांच कर रही थी। इस दौरान पुलिस ने बाइक सवार दो लोगों को रोकने की कोशिश की, लेकिन भागने की कोशिश के बाद उन्हें पकड़ लिया। पूछताछ में उन्होंने न्याजूपुरा में एक किराए के मकान में जाली नोट छापने की बात कबूल की। इसके बाद पुलिस ने दबिश देकर चार अन्य साथियों को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार आरोपियों के पास से 5 लाख रुपये के 500 और 30 हजार रुपये के 100 के जाली नोट मिले। इसके अलावा, नोट छापने के उपकरण जैसे वाटरमार्क फ्रेम, हीटिंग स्टैंप मशीन, लेमिनेटिंग मशीन, विभिन्न स्याही, और एक बुलेट बरामद हुई। गिरफ्तार बदमाशों में गुड्डू, फारूख उर्फ सितारा, रितेश उर्फ विपिन, सुगनु उर्फ आकाश, अंकित और निखिल शामिल हैं, जो मेरठ और आसपास के इलाकों के रहने वाले हैं। दो अन्य आरोपी, रोहित और सचिन उर्फ जोनी, फरार हैं।
पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये गिरोह संगठित तरीके से काम करता था। रितेश नोटों की डिजाइनिंग करता था, जबकि अंकित और निखिल छपाई और कटिंग का काम संभालते थे। तैयार नोट गुड्डू और सुगनु बाजार में चलाते थे, जहां 25 हजार असली रुपये के बदले एक लाख जाली नोट दिए जाते थे। गिरोह का सरगना रोहित सामग्री की व्यवस्था करता था और मुनाफा बांटता था। ये गिरोह पुलिस से बचने के लिए समय-समय पर ठिकाना बदलता था।
गिरफ्तार बदमाशों में कई के खिलाफ पहले से गंभीर मामले दर्ज हैं। फारूख उर्फ सितारा पर हत्या, डकैती और चोरी जैसे 17 मुकदमे हैं, जबकि सुगनु उर्फ आकाश और रितेश भी शातिर अपराधी हैं। अब पुलिस फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है।