हवालात में गुजरी सपा नेता की पूरी रात, हरिद्वार में छिपा बैठा था राहुल वर्मा

मुजफ्फरनगर में शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के व्यापार प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष राहुल वर्मा को एक 24 साल पुराने मामले में कोर्ट में पेश किया गया, लेकिन इससे पहले उनकी पूरी रात शहर कोतवाली की हवालात में गुजरी। उनके खिलाफ एक गंभीर मामला लंबित था, जिसमें बलवा, हंगामा और सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप थे।

कागजी कार्रवाई के बाद कोर्ट में पेशी

राहुल वर्मा पर ये आरोप 2001 में शहर कोतवाली में दर्ज किए गए थे, जब वे और उनके साथी एक मामले के चलते इलाके में हंगामा करने पहुंचे थे। तब से वह इस मामले में वांछित चल रहे थे और लंबे समय से कोर्ट में पेश नहीं हो रहे थे।

राहुल वर्मा अक्सर लेन-देन के मामलों को लेकर चर्चाओं में रहते हैं। उनके नाम जुड़े कई ऐसे मामले हैं, जो स्थानीय राजनीति में सुर्खियाँ बन चुके हैं। व्यापार प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष से इतर निजी तौर पर उनकी छवि हमेशा विवादों में घिरी रही है। इसके अलावा, उनका निवास बदलते रहते हुए अब वे शहर के अंकित विहार में रह रहे हैं, जबकि पहले वे सर्राफा बाजार के नवाबगंज इलाके में रहते थे।

बहादराबाद पहुंच गए थे राहुल वर्मा

पिछले काफी दिनों से राहुल वर्मा हरिद्वार के बहादराबाद में छिपे हुए थे, लेकिन गुरुवार रात पुलिस ने उन्हें वहां से धर दबोच लिया और सीधे शहर कोतवाली की हवालात में डाल दिया। उनकी सर्राफा बाजार में ज्वैलर्स की दुकान है, जो अक्सर बंद ही रहती है और लेनदारों की लाइन लगी रहती है। सालों से लंबित इस मामले में पेश ना होने की वजह से अदालत ने राहुल वर्मा के खिलाफ वारंट जारी किया था।

काम ना काई कोई सिफारिश

हवालात में बंद सपा नेता किसी बे-पर पंछी की मांनिद छटपटाते हुए देखे गए। उनके कई चिर-परिचितों ने पुलिस से शिफारिशें भी की, लेकिन कोई फायदा हासिल नहीं हुआ। उन्हें पूरी रात शहर कोतवाली की हवालात में गुजारनी पड़ी और कोर्ट ले जाते वक्त बाकायदा किसी अपराधी की तरह बारात चढ़ाई हुई।

सपा नेता के लिए मुश्किलें

राहुल वर्मा के लिए ये एक बड़ी राजनीतिक और कानूनी चुनौती साबित हो सकती है, क्योंकि उनका नाम स्थानीय राजनीति में हमेशा जुड़ा रहता है। ऐसे में इस गिरफ्तारी और मामले की जांच से उनके भविष्य पर असर पड़ सकता है।

मुजफ्फरनगर में एक बार फिर से सपा नेता राहुल वर्मा सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार मामला उनके खिलाफ कोर्ट के आदेश से जुड़ा है। पुलिस की कार्रवाई और वर्मा के इस मामले को लेकर जनता में तरह-तरह की चर्चा है। अब देखना ये होगा कि क्या वह अपने खिलाफ लंबित मामलों को निपटा पाते हैं, या ये कानूनी जटिलता उनके लिए और भी मुश्किलें खड़ी करती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here