बामनहेड़ी में 30वां कांवड़ शिविर बना श्रद्धा और सेवा की मिसाल

मुजफ्फरनगर। रुड़की रोड पर शहर के प्रवेश द्वार पर स्थित ग्राम बामनहेड़ी में 30वां कावड़ शिविर श्रद्धा और सेवा की मिसाल बनकर सामने आया है। यह शिविर ग्राम निवासी ठाकुर ब्रह्म सिंह एडवोकेट द्वारा पूर्णत: स्ववित्त पोषित रूप से संचालित किया जा रहा है, जिसमें श्रद्धालुओं को शुद्ध देसी घी से बना भोजन परोसा जा रहा है। सबसे विशेष बात यह है कि शिविर के संचालन में किसी प्रकार का चंदा या दान नहीं लिया जा रहा।

ठाकुर ब्रह्म सिंह का कहना है कि “जब भोलेनाथ ने मुझे इतना दिया है तो फिर क्यों न उनके नाम पर सेवा करूं।” यही सोच लेकर वह वर्षों से यह शिविर चला रहे हैं। शिविर में प्रतिदिन सुबह से शाम तक भंडारा चलता है। सुबह चाय-पकौड़ी, दोपहर को देसी घी का हलवा, पूरी, दो प्रकार की सब्जियाँ और रायता श्रद्धालुओं को श्रद्धापूर्वक परोसा जाता है।

इस शिविर की सबसे खास बात यह है कि इसमें प्रतीकात्मक रूप से मात्र ₹1 का चंदा लिया जाता है ताकि अन्य लोग भी सेवा में भागीदारी महसूस कर सकें। ठाकुर ब्रह्म सिंह इस शिविर का श्रेय भगवान भोलेनाथ और गांववासियों को देते हैं। उनका कहना है कि वह इस सेवा में किसी प्रकार की प्रसिद्धि नहीं चाहते, बल्कि भोले की सेवा ही उनका उद्देश्य है।

गौरतलब है कि सावन मास में देशभर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु कावड़ यात्रा पर निकलते हैं, ऐसे में यह शिविर न सिर्फ श्रद्धालुओं की सेवा कर रहा है, बल्कि आत्मीयता और भक्ति की मिसाल भी बन रहा है।

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