चित्रकूट जेल में बंद पूर्व विधायक शाहनवाज राणा के समधी एवं बिजनौर जनपद के बढ़ापुर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक मोहम्मद गाजी को कोर्ट ने मोबाइल सिम प्रकरण में 10 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है। नई मंडी कोतवाली पुलिस ने मेडिकल कराने के बाद पूर्व विधायक को भारी सुरक्षा में एसीजेएम प्रथम की कोर्ट में पेश किया गया था। लगभग पांच घंटे तक पूर्व विधायक कोर्ट में मौजूद रहे। पूर्व विधायक शाहनवाज राणा से गत 25 मार्च को जिला कारागार में मोबाइल बरामद हुआ था। उनके खिलाफ नई मंडी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गयी थी। पुलिस की विवेचना में प्रकाश में आया था कि मोबाइल में चल रहे सिम को पूर्व विधायक के समधी पूर्व विधायक मोहम्मद गाजी के नौकर आमिर निवासी समना सराय शेरकोट की आईडी पर लिया गया था। पुलिस ने मोहम्मद गाजी को पूछताछ के लिए नोटिस दिया था। बुधवार को मोहम्मद गाजी नई मंडी थाने पर पहुंचे थे। पूछताछ में सामने आया कि उन्होंने अपने नौकर की आईडी पर कूटरचित तरीके से सिम लेकर अपने समधी शाहनवाज राणा के परिवार को उपलब्ध कराया था। कुछ दिन परिवार के लोगों ने सिम को प्रयोग किया। उसके बाद सिम को शाहनवाज राना को जिला कारागार में उपलब्ध करा दिया गया था। इसी आधार पर नई मंडी कोतवाली पुलिस ने धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में मोहम्मद गाजी को मुल्जिम बनाते हुए देर रात गिरफ्तार कर लिया था।
गुरुवार को नई मंडी कोतवाली पुलिस ने मोहम्मद गाजी का जिला अस्पताल में मेडिकल कराया और उसके बाद एसीजेएम प्रथम डा. देवेन्द्र फौजदार की कोर्ट में पेश किया। लगभग 12 बजे पुलिस ने उन्हें लेकर कोर्ट में पहुंची। लगभग 5 घंटे पश्चात कोर्ट ने मोहम्मद गाजी को दस दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने के आदेश दिए। पुलिस सुरक्षा में लेकर उन्हें जेल में पहुंची। वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल जिंदल ने बताया कि शुक्रवार को मो. गाजी की जमानत के लिए सेशन कोर्ट में अर्जी दाखिल की जाएगी।