कहते हैं जिद हो तो क्या नहीं मुमकिन, ऐसी ही जिद से अपने ख्वाबों को साकार कर रहीं खान बहनें उन तमाम लड़कियों और महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं जो अपने सपनों को जीने की चाह रखती हैं।
यूपी के मुजफ्फरनगर जनपद की रहने वाली खान बहनें फराह खान और शीबा खान कला के माध्यम से दिल्ली से लेकर दुबई तक अपनी पहचान कायम कर चुकी हैं। हाल ही में उन्होंने भारतीय गणतंत्र दिवस के मौके पर कला प्रदर्शनी का आयोजन किया। पढ़ें आखिर कैसे कला के माध्यम से वह लोगों लोगों के चेहरों पर बिखेर रही हैं खुशियां :-

मुजफ्फरनगर की गलियों से निकलकर दिल्ली के रास्ते दुबई तक पहुंची दो सगी बहनों फराह खान और शीबा खान ने कला क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाकर जिले का नाम रोशन किया है। दोनों बहनें फुनुन आर्ट्स संस्था के जरिए लोगों के चेहरों पर खुशियां बिखेर रही हैं।
फराह खान बताती हैं कि फुनुन आर्ट्सं एक ऐसी संस्था है जो सभी को एक मंच पर लाने की कोशिश करती है। जिसमें प्राकृतिक आपदाओं के शिकार लोगों के लिए कला प्रदर्शनी के माध्यम से धन जुटाने जैसी गतिविधियां भी शामिल हैं। हम विभिन्न त्योहारों और आयोजनों पर कला संस्कृति से जुड़ी गतिविधियों का आयोजन करते हैं। और दुबई में रह रहे देश के अलग अलग कोने से आए भारतीयों को एक सू़त्र में पिरोने की कोशिश करते हैं।

बताया कि भारत के 73वें गणतंत्र दिवस के मौके पर 28 जनवरी को नोवोटेल, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, दुबई में भारत के महावाणिज्य दूतावास, दुबई और आजादी का अमृत महोत्सव के सौजन्य से फनुन आर्ट्स द्वारा रंग कलर्स ऑफ इंडिया कला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
बताया कि फनुन आर्ट्स ग्रुप हमेशा ऐसे ही विशेष मौकों पर आयोजित कार्यक्रमों में विभिन्न रंग जोड़ता है। इस कला प्रदर्शनी में भारतीय कलाकारों के साथ.साथ विभिन्न राष्ट्रों के कलाकार भी थे जिन्होंने अपने रंगीन चित्रों के माध्यम से इस आयोजन को खास बनाया। 40 कलाकारों ने भारतीय कला के विभिन्न रूपों और भारत के बारे में उनके दृष्टिकोण को प्रदर्शित करते हुए 40 कलाकृतियों का प्रदर्शन किया। हम इन जीवंत चित्रों और तस्वीरों के माध्यम से यहां संयुक्त अरब अमीरात में सुंदर भारत का अनुभव कर सकते हैं।
4 of 5प्रदर्शनी का उद्घाटन सुश्री ताडू मामू (कंसल प्रेस सूचना संस्कृति और श्रम), निशा गणपति (ग्रुप प्रोडक्ट मैनेजर, डाबर इंटरनेशनल), इरका बोचेंको (अभिनेत्री, मूनरेकर के रूप में जानी जाती हैं), श्री अहमद अल अवधी, नाडा अल बाराज़ी (एक दिग्गज) द्वारा किया गया था।
मुजफ्फरनगर के मोतीमहल निवासी स्वर्गीय महताब खान की दोनों बेटियां शीबा खान 2008 में और फराह खान 2012 में दुबई चली गईं थीं। दोनों बहनों ने नगर के होली एंजिल कान्वेंट स्कूल से पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से स्नातक और दिल्ली से एमबीए किया है।

साल 2012 तक दोनों बहनें दुबई शिफ्ट हो गईं। आर्ट में रुचि होने के कारण उन्होंने इसे ही अपना प्रोफेशन बनाया और दुबई में रहते हुए साल 2016 में लोगों के चेहरों पर खुशियां लाने की खूबसूरत सोच के साथ फुनुन आर्ट्स संस्था की स्थापना की। यहां दुबई में रहते हुए दोनों बहनों ने कला के क्षेत्र में खूब नाम भी कमाया।
उनकी खास उपलब्धि के लिए दुबई के महामहिम सुहेल अर जरोनी उन्हें सम्मानित भी कर चुके हैं। फराह खान ने बताया कि कला के माध्यम से वे उपेक्षित समाज की समस्याओं को समाज के सामने ला रही हैं।