वामपंथी प्रचार तंत्र की काट क्या है?

मुजफ्फरनगर जनपद के प्रगतिशील किसान नेता तथा पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन श्री अशोक बालियान से उनके निवास स्थान पर कृषक समाज की ज्ज्वलन्त समस्याओं और स्थानीय, क्षेत्रीय तथा राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई।

श्री बालियान कई दशकों से खेती व किसान से जुड़े मुद्दों को बेबाकी और शिद्दत के साथ उठाते रहे हैं। किसान संगठन, फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य, बीज, खाद, कीटनाशक एवं पशु बीमा संबंधी महत्वपूर्ण सुझाव अपनी पोस्ट के माध्यम से प्रस्तुत करते रहते हैं। कृषि संबंधी उच्चस्तरीय बैठकों में भी अपने विचार प्रकट करते हैं। कृषि अर्थव्यस्था तथा कृषि क्षेत्र की समस्याओं परेशानियों का व्यावहारिक ज्ञान है।

बातचीत के बीच यह तथ्य उमर के सामने आया कि देश में वामपंथी अर्बन नक्सलियों की संगठित टोलियां राष्ट्रहित व किसान हित के विरुद्ध नये नये विमर्श बताकर देश में भ्रम का वातावरण बनाती हैं, जिन्हें विदेशों से भी वित्त पोषण होता है। सोशल मीडिया के युग में इस भ्रामक प्रचार की काट का यही तरीका है कि राष्ट्र‌वादी विचारों के पोषक सभी लोग राष्ट्र व किसान हित को सर्वोपरि मान कर सकारात्मक पोस्ट डालें। किसानों के सबल प्रवक्ता के रूप में समाचारपत्र व प्रिंट मीडिया का होना भी आवश्यक है।

गोविंद वर्मा

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