मुजफ्फरनगर। वितराग शिक्षा ऋषि स्वामी कल्याण देव जी की 21वीं पुण्यतिथि के अवसर पर गांधी पॉलिटेक्निक में श्रद्धांजलि सभा व यज्ञ का आयोजन किया गया। इस मौके पर मौजूद लोगों ने स्वामी जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके समाज सेवा व शिक्षा क्षेत्र में किए गए अतुलनीय योगदान को याद किया।
इस अवसर पर आंदोलनकारी मास्टर विजय सिंह ने कहा कि स्वामी कल्याण देव जी का जीवन प्रेरणास्रोत है। अत्यंत साधारण परिवार में जन्म लेने के बावजूद उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में 300 से अधिक संस्थाओं (हाई स्कूल, इंटर कॉलेज, डिग्री कॉलेज, पॉलिटेक्निक आदि) की स्थापना कर समाज को नई दिशा दी। उन्होंने शिक्षा को कभी व्यवसाय नहीं बनने दिया, उनके विद्यालयों में आज भी नाममात्र की फीस ली जाती है, ताकि गरीब से गरीब बच्चा भी शिक्षा प्राप्त कर सके।
मास्टर विजय सिंह ने यह भी कहा कि स्वामी जी के कार्यों पर शोध होना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियों को उनकी सोच और समर्पण से प्रेरणा मिल सके। उन्होंने कहा कि समाज सदैव उनके ऋणी रहेगा। भारत सरकार ने भी स्वामी कल्याण देव जी के उत्कृष्ट कार्यों को मान्यता देते हुए उन्हें “पद्म श्री” और “पद्म विभूषण” जैसे प्रतिष्ठित सम्मानों से सम्मानित किया।
राजपूत महासभा के अध्यक्ष ठाकुर राजेंद्र सिंह पुंडीर ने कहा कि स्वामी कल्याण देव जी ने अपना सम्पूर्ण जीवन समाज सेवा और शिक्षा के प्रसार में समर्पित किया। हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। कोऑपरेटिव बैंक के पूर्व चेयरमैन ठाकुर अशोक सिंह ने कहा कि स्वामी जी को अद्भुत आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त थी। जहां भी वे जाते, वहां शिक्षा संस्थाओं की स्थापना हो जाती थी। डॉ. सतीश आर्य ने भी स्वामी जी के कार्यों को अद्वितीय बताया और यज्ञ संपन्न कराया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता ठाकुर राजेंद्र सिंह पुंडीर ने की, जबकि संचालन मास्टर विजय सिंह ने किया। इस अवसर पर डॉ. अश्विनी आर्य, दीपक कुमार, ठाकुर अशोक सिंह, पॉलिटेक्निक के प्रधानाचार्य, शिक्षक व कर्मचारी सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।