कानपुर। सीसामऊ विधानसभा उप चुनाव के लिए सपा ने अपना प्रत्याशी नसीम सोलंकी को घोषित कर दिया है। टिकट की अधिकारिक घोषणा के बाद जब सपाई उन्हें बधाई देने के लिए उनके घर पहुंचे तो नसीम परिजनों से लिपटकर फूट-फूट कर रोईं और जेल में निरुद्ध अपने पति पूर्व विधायक हाजी इरफान सोलंकी को याद करने लगीं। बोलीं कि टिकट मिलना मेरे लिए खुशी नहीं संघर्ष का मौका है। वह कमजोर नहीं हैं, कमजोर होते तो बहुत पहले भाग जाते। आने वाले वक्त के लिए तैयार हैं। यह संघर्ष की लड़ाई है।
प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने बताया कि एक दिन पहले वह हाजी इरफान सोलंकी से महाराजगंज जेल में मिलकर आई हैं। उनकी दुआएं मेरे साथ हैं। यह चुनाव उन्हीं का चुनाव है। अपने दम से ज्यादा मेहनत करूंगी। कोर्ट-कचहरी से लेकर हर जगह मेहनत की है। उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता पर पूरा भरोसा है। कार्यकर्ताओं ने महानगर संगठन के प्रस्ताव पर नसीम सोलंकी को प्रत्याशी बनाने पर राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्णय का तहे दिल से स्वागत किया और भारी मतों से विजयी बनाने का संकल्प दुहराया।
विधायक अमिताभ वाजपेयी ने नसीम सोलंकी को नारी शक्ति का प्रतीक बताया और कहा कि नाम घोषित ही नसीम की जीत पर मोहर लग गई है। इस मौके पर महानगर अध्यक्ष हाजी फजल महमूद, विधायक मो. हसन रूमी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शैलेंद्र यादव मिंटू, महासचिव संजय सिंह बंटी सेंगर, रजत मिश्रा, आनंद शुक्ला,शबाब अबरार, इशरत इराकी आदि मौजूद रहे।
ससुर, पति समेत पांच चुनाव लड़ाए
सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने बताया कि सियासत के बारे में तो उन्होंने अपनी ससुराल में ही जाना। मायके में ऐसा कोई माहौल नहीं था। सीधे-सादे मिडिल क्लास परिवार से हैं। वर्ष 2003 में उनकी शादी हुई और वर्ष 2004 में ससुर हाजी मुश्ताक सोलंकी संसदीय चुनाव लड़े थे। इसके बाद चार बार अपने पति हाजी इरफान सोलंकी को विधानसभा चुनाव लड़ाया। इन्हीं चुनावों में सियासत के बारे में जाना।