अब शाही की जगह राजसी और पेशवाई के स्थान पर छावनी प्रवेश; महाकुंभ में बदले गए गुलामी के प्रतीक

मुगलकालीन गुलामी के प्रतीक शाही स्नान और पेशवाई दोनों की जगह सोमवार को नए सनातनी नाम अखाड़ा परिषद ने तय कर लिए। साथ ही इस संबंध में लिखित प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है। 

लंबे विचार विमर्श के बाद पेशवाई की जगह छावनी प्रवेश और शाही स्नान को राजसी स्नान नाम दिया गया। अब महाकुंभ के रिकॉर्ड में पेशवाई और शाही शब्दों को बदलने का एलान सरकार की ओर से दीपावली के बाद किए जाने के संकेत मिले हैं।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने शब्दों को बदलने के लिए सोमवार को दिनभर चिंतन किया। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी और महामंत्री महंत हरी गिरी के साथ अन्य पदाधिकारियों ने विद्वानों से लिए गए सुझाव पर विस्तार से चर्चा की। 

इसके बाद 20 से अधिक सुझाव में से दो विकल्पों का चयन किया गया। इसमें शाही स्नान को राजसी स्नान करने और पेशवाई को छावनी प्रवेश किए जाने पर मोहर लगाई गई।

सीएम खुद करेंगे नए नामों का एलान
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि संत समाज और विद्वानों से लिए गए सुझाव में से दो नाम चुने गए हैं। उन्होंने कहा की दीपावली के बाद प्रयागराज में अखाड़ा परिषद की बैठक होनी है। उनका कहना है कि उस बैठक के बाद चयनित नए नामों का आधिकारिक एलान होगा। सूत्रों का कहना है की दीपावली बाद योगी आदित्यनाथ खुद प्रयागराज आकर गुलामी के प्रतीक इन दोनों शब्दों को बदलकर नए नामों का एलान करेंगे।

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