गौरीशंकर मंदिर की रंगाई-पुताई शुरू: 1980 के दंगे में हुई थी पुजारी की हत्या

मुरादाबाद के दौलतबाग इलाके में 44 साल से बंद पड़े प्राचीन गौरीशंकर मंदिर की रंगाई-पुताई का काम मंगलवार से शुरू हो गया। यह मंदिर 1980 के दंगे में पुजारी की हत्या के बाद से बंद था। एक दिन पहले ही मंदिर के गर्भगृह में खोदाई के दौरान शिव परिवार की खंडित मूर्तियां मिलने के साथ 1954 का एक नक्शा भी प्राप्त हुआ। प्रशासन ने मंदिर को फिर से खोलने के लिए रंगाई-पुताई के काम को तेजी से शुरू करवा दिया है।

एक पखवाड़ा पहले डीएम अनुज सिंह को शिकायत मिली थी कि दौलतबाग इलाके में झब्बू के नाले के पास स्थित मंदिर 1980 से बंद है। डीएम के निर्देश पर प्रशासन की टीम ने मौके पर शिकायतकर्ता लाइनपार निवासी सेवा राम को सोमवार को मौके पर बुलाया। इसके बाद स्थानीय लोगों की मौजूदगी में मंदिर का दरवाजा खुलावाया गया। मंदिर खुलने की जानकारी मिलने पर लोगों की भीड़ लग गई।

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Painting of Gaurishankar temple has started, the priest was killed in the 1980 riots

प्रशासन ने अतिक्रमण हटावा कर गंदगी साफ करवाया। शिकायतकर्ता सेवा राम का दावा है कि यह मंदिर लगभग 150 साल पुराना है। मंदिर की जमीन उसके परदादा भीमसेन के नाम पर है। उसके परदादा के बाद दादा गंगा सरन यहां पर पूजा पाठ करते थे। 1980 के दंगे में उनकी हत्या कर दी गई। इसके बाद परिवार के लोग मझोला के लाइन पार क्षेत्र रहने लगे।

Painting of Gaurishankar temple has started, the priest was killed in the 1980 riots

आरोप लगाया कि मौका पर लोगों ने मंदिर की मूर्तियां खंडित कर दी थीं। परिवार के लोग मंदिर का दरवाजा खोलने जाते थे तो स्थानीय लोग इसका विरोध करते थे। कुछ लोगों ने मंदिर की जमीन पर कब्जा भी कर लिया। सेवा राम ने इस संबंध में डीएम को 27 दिसंबर को शिकायती पत्र सौंपा था।

Painting of Gaurishankar temple has started, the priest was killed in the 1980 riots

प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार कराने की मांग

कथा व्यास धीरशांत दास ने बताया कि मंदिर बहुत ही प्राचीन है। मौके से 1954 का नक्शा बरामद हुआ है। दीवारें और खंभे खुद गवाही दे रहे हैं कि मंदिर 150-200 साल पुराना है। 1980 में दंगे के दौरान पुजारी की हत्या होने पर बहुसंख्यक हिंदू परिवार उस समय पलायन कर गया था।

Painting of Gaurishankar temple has started, the priest was killed in the 1980 riots

मंदिर का जीर्णोद्धार कराया जाना चाहिए। समाजसेवी अनिल सिक्का का कहना है कि मंदिर की जमीन पर लोगों ने अतिक्रमण कर लिया था। अब अतिक्रमण हटाकर पूरी जमीन प्रशासन को दिलाना चाहिए।

जनमानस की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए एक टीम गठित कर मंदिर का जीर्णोद्धार कराया जाएगा। मंदिर की मरम्मत कराए जाने के साथ-साथ यहां रंगाई-पुताई का कार्य करवाया जा रहा है। -दिव्यांशु पटेल, नगर आयुक्त, मुरादाबाद

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