एक समुदाय के लोग खुद को संविधान से ऊपर समझते हैं… संभल बवाल पर बरसे मंत्री

उत्तर प्रदेश के संभल जिले की शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान आज बवाल हो गया. भीड़ ने पुलिस टीम पर पथराव कर दिया. इस दौरान सड़क पर आगजनी की गई. पथराव की घटना के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया, पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया. मस्जिद के सर्वे को लेकर दोनों पक्षों के बीच मतभेद बने हुए हैं, और इस घटनाक्रम ने स्थिति को और भी संवेदनशील बना दिया है. इस पूरे मामले पर राज्य मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि धर्म विशेष के लोग खुद को संविधान, कानून और न्यायपालिका से ऊपर समझ रहे हैं.

राज्य मंत्री ने आगे कहा, पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में वाली सरकार सभी को संवैधानिक मूल्यों और कानून का पालन कराएगी. यहां कोई तुगलकी फरमान नहीं चल पाएगा. देश का कानून सब लोगों पर लागू होता है और सबको मानना पड़ेगा. इस तरह की अराजता और न्यायालय के आदेश की अवेहलना अनादर नहीं चलेगा. न्यायालय के आदेश के बाद भी इस तरह की हिंसा और पत्थरबाजी किसी भी कीमत पर बरदास्त नहीं की जाएगी. किसी को भी अपने धर्म के नाम पर इस तरह की हरकत करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए.

29 नवंबर तक कोर्ट में पेश की जाएगी रिपोर्ट

अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने मामले को लेकर कहा कि आज 19 नवंबर को न्यायालय के आदेश के अनुसार एडवोकेट कमिश्नर द्वारा आज दूसरे दिन का सर्वे का काम सुबह 7:30 बजे से 10:00 बजे तक किया गया. इस सर्वेक्षण के दौरान, सभी बातों का अध्ययन किया गया. कोर्ट द्वारा निर्देशित सर्वे की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी कराई गई. और अब यह सर्वे पूरा हो चुका है अब इसकी रिपोर्ट 29 नवंबर से पहले या 29 नवंबर को कोर्ट के सामने पेश की जाएगी.

उपद्रवियों पर होगी NSA के तहत कार्रवाई- एसपी

संभल एसपी कृष्ण कुमार ने कहा कि “न्यायालय के आदेश के अनुसार, संभल जिले में जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया जा रहा था. जिस समय सर्वेक्षण किया जा रहा था, उसी समय कुछ लोग सर्वेक्षण का विरोध करने के लिए एकत्र हुए और पथराव करना शुरू कर दिया. उपद्रवियों द्वारा जामा मस्जिद के आस पास रखे वाहनों में आग लगा दी गई, फिलहाल हालात कंट्रोल में हैं. पूरे इलाके में पुलिस की तैनाती की जा रही है. एसपी ने कहा कि भीड़ ने टार्गेट करके वाहनों को आग लगाई है. आगे आरोपियों पर NSA की कार्रवाई की जाएगी.

क्या है इस मस्जिद में विवाद का कारण

इस मस्जिद को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्ष के अपने-अपने दावे हैं. पुरातत्व विभाग के अनुसार संभल की शाही जामा मस्जिद लगभग 500 वर्ष पुरानी है. यह इमारत साल 1920 में भारतीय पुरातत्व सर्वे के तहत संरक्षित इमारत घोषित हुई थी. इस मस्जिद का जिक्र बाबरनामा में भी मिलता है, तो वहीं जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा करने वाले हिंदू पक्ष का दावा है कि जामा मस्जिद पहले श्री हरिहर मंदिर थी. 1529 में बाबर ने मस्जिद का निर्माण करवाया. बाबर ने ही मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. मस्जिद बनाने के दौरान यहां पर मौजूद हरिहर मंदिर को तोड़ा गया. हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद में मंदिर की मौजूदगी के बहुत से निशान मौजूद हैं. इसी को लेकर हिंदू पक्ष ने अदालत में याचिका दायर की थी.

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