पीएम मोदी ने उच्च-स्तरीय पुलिस प्रौद्योगिकी मिशन के गठन का आह्वान किया

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को गृह मंत्री के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय पुलिस प्रौद्योगिकी मिशन गठित करने का आह्वान किया ताकि भविष्य की प्रौद्योगिकियों को जमीनी स्तर की पुलिस आवश्यकताओं के अनुरूप ढाला जा सके।

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, लखनऊ में आयोजित 56वें पुलिस महानिदेशक/महानिरीक्षक सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने पुलिस संबंधित सभी घटनाओं के विश्लेषण तथा सीखने की इस प्रक्रिया को संस्थागत रूप देने पर बल दिया। उन्होंने सम्मेलन को हाइब्रिड प्रारूप (ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरीके से) में करवाने की प्रशंसा की और कहा कि इससे विभिन्न स्तर के अधिकारियों के बीच सूचनाओं का प्रवाह सुगम हुआ है।

इसके मुताबिक, सामान्य लोगों के जीवन में प्रौद्योगिकी के महत्व को रेखांकित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड-19 टीकाकरण के ऑनलाइन मंच ‘को-विन’ और भुगतान प्रणाली ‘यूपीआई’ का उदाहरण दिया। उन्होंने कोविड महामारी के बाद पुलिस के व्यवहार में जनता के प्रति आए सकारात्मक बदलाव की भी प्रशंसा की।

बयान के मुताबिक, मोदी ने देशभर के पुलिस बल के लाभ के लिए अंतर-संचालनीय प्रौद्योगिकियों के विकास पर बल दिया। उन्होंने जनता के लाभ के लिए ड्रोन प्रौद्योगिकी के सकारात्मक उपयोग और 2014 में शुरू की गई स्मार्ट पुलिसिंग की अवधारणा की समीक्षा पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने इस अवधारणा में लगातार बदलाव के लिए रोडमैप विकसित करने और पुलिस बलों में इसे संस्थागत करने का सुझाव दिया।

पुलिस की रोजमर्रा की चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्रधानमंत्री ने उच्च प्रौद्योगिकी शिक्षा प्राप्त युवाओं को जोड़ने का आह्वान किया ताकि तकनीकी समाधान तलाश किए जा सकें।

इस मौके पर प्रधानमंत्री ने खुफिया ब्यूरो के कर्मियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक प्रदान किए। पहली बार प्रधानमंत्री के निर्देश पर विभिन्न राज्यों के आईपीएस अधिकारियों ने समसामयिक सुरक्षा मुद्दों पर अपने लेख प्रस्तुत किए, जिससे इस सम्मेलन का महत्व और बढ़ गया।

सम्मेलन में विभिन्न राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 62 महानिदेशक व महानिरीक्षक तथा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल तथा केंद्रीय पुलिस संगठन के महानिदेशक शामिल हुए। इसके अतिरिक्त, विभिन्न स्तर के 400 से अधिक अधिकारियों ने देश भर में मौजूद खुफिया ब्यूरो कार्यालयों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इसमें भाग लिया।

बयान के मुताबिक, सम्मेलन के दौरान कारागार सुधार, आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद, साइबर अपराध, मादक पदार्थ तस्करी, एनजीओ को विदेशों से मिलने वाली आर्थिक सहायता और सीमावर्ती गांवों का विकास इत्यादि जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों के मुख्य पहलुओं पर चर्चा के लिए पुलिस महानिदेशकों के अनेक कोर समूह गठित किए गए।

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