इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पेंशन के भुगतान पर कोर्ट के आदेश की अवमानना मामले में मथुरा के जिला अधिकारी नवनीत सिंह चहल के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। हाईकोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया है कि वह अगली सुनवाई पर उन्हें पेश करे। मामले की अगली सुनवाई 12 मई को तय की गई है।
बृजमोहन शर्मा और तीन अन्य द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सरल श्रीवास्तव ने कहा कि पेशन भुगतान पर मथुरा के जिला अधिकारी द्वारा 18 अप्रैल को जारी आदेश सिर्फ कोर्ट की अवमानना है क्योंकि ‘कोर्ट को विश्वास नहीं हो रहा कि एक अधिकारी को उस आदेश का उद्देश्य और उसकी साधारण भाषा समझ में नहीं आई जो कोर्ट ने जारी किया है।’
अदालत ने छह सितंबर 2021 को चहल द्वारा 22 जुलाई, 2016 को पारित एक आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें प्रतिवादियों ने आवेदकों को पेंशन के भुगतान से इस आधार पर इनकार कर दिया था कि स्थायी की तारीख से पहले उनके द्वारा प्रदान की गई सेवाओं को योग्यता के रूप में नहीं गिना जाएगा, ताकि उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिल सके।कोर्ट ने पाया कि काफी लंबे समय तक दी गई सेवाओं को नजरंदाज नहीं किया जा सकता। सन् 1996 से सेवा को मान्य करते हुए गणना करने और पेंशन का भुगतान के आदेश दे दिए गए हैं। जब कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया तब आवेदकों ने अवमानना याचिका दायर कर दी।
इस वर्ष 11 फरवरी को कोर्ट ने आदेश का पालन कराने के लिए विपक्षी पार्टी को नोटिस जारी कर दिया। मथुरा जिला अधिकारी द्वारा उनके नियमितीकरण से पहले आवेदकों को उनकी सेवा का लाभ देने से इनकार करते हुए 18 अप्रैल को पारित एक आदेश के साथ एक अनुपालन हलफनामा दायर किया गया था।