बहराइच हिंसा में मारे गए रामगोपाल मिश्रा की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाहें चल रही हैं। यूपी पुलिस ने इन अफवाहों का खंडन किया। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि रामगोपाल की मौत गोली लगने से हुई है। गोली लगने से पहले या बाद में उसके करंट के झटके नहीं दिए गए। न ही उसे तलवार से काटा गया। पुलिस ने स्पष्ट किया कि उसके पैरों के नाखून भी नहीं नोचे या उखाड़े गए।
एक अपील जारी करते हुए पुलिस के द्वारा कहा गया है कि सोशल मीडिया में साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने के उद्देश्य से भ्रामक सूचना जैसे मृतक को करंट लगाना, तलवार से मारना एवं नाखून उखाड़ना आदि बातें फैलाई जा रही हैं जिसमें कोई सच्चाई नहीं है। पोस्टमॉर्टम में मृत्यु का कारण गोली लगने से होना पाया गया है। इस घटना में एक व्यक्ति के अतिरिक्त अन्य किसी की मृत्यु नहीं हुई है। अतः सभी से अनुरोध है कि साम्प्रदायिक सौहार्द को बनाये रखने के लिए अफवाहों पर ध्यान न दें व भ्रामक सूचनाओं को प्रसारित न करें।
30 से 35 छर्रे धसने की पुष्टि हुई
विभागीय सूत्र ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक रामगोपाल मिश्रा के शरीर में 30 से 35 छर्रे धसने की पुष्टि हुई हैं। वहीं छर्रे मृतक के चेहरे, गले और सीने में धंसे मिले हैं। जो साफ जाहिर कर रहे है कि उसे तीन से अधिक भरुआ कारतूस मारी गई है। मृतक के कंधों के नीचे भी मौत की पुष्टि के लिए गोली मारी गई है।
सूत्र ने बताया कि गोली मारने से पहले मृतक की जमकर निर्मम पिटाई भी की गई है। जिससे मृतक के शरीर में कई चोट के निशान हैं और बाईं आंख के ऊपर धारे और ठोस हथियार से वार के निशान है। वही मौत का कारण हैमरेज मतलब अधिक रक्त स्राव निकला है।
महसी के सीओ सस्पेंड, अब तक 55 गिरफ्तार
प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान रविवार और सोमवार को हुई हिंसा के बाद अब धीरे-धीरे जिले के हालात सामान्य होने लगे हैं। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस फोर्स अब भी तैनात है और एडीजी गोरखपुर जोन केएस प्रताप व कमिश्नर शशि भूषण लाल समेत आला अधिकारी कैंप कर रहे हैं। घटना के बाद अब तक 12 मुकदमा दर्ज किए गए हैं और 55 से अधिक लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बुधवार को चौथे दिन हिंसा प्रभावित रमपुरवा, भगवानपुर, हरदी, शिवपुर, खैरा बाजार में दुकानें खुली रहीं और स्थिति सामान्य रही। लोग बेखौफ बाजारों में निकले और रोजमर्रा के जरूरी सामान खरीदते दिखे।
रविवार से लेकर सोमवार तक पूरे घटनाक्रम में पुलिस की भारी लापरवाही सामने आई थी। एसपी ने हरदी थाना प्रभारी सुरेश वर्मा व महसी चौकी प्रभारी को तत्काल निलंबित कर दिया था। इस दौरान विसर्जन में शामिल लोगों ने सीओ रुपेंद्र गौड़ पर भी लापरवाही समेत गंभीर आरोप लगाए थे। इसका संज्ञान लेकर शासन की ओर से सीओ को निलंबित कर दिया गया। रामपुर से आए रवि खोखर को महसी की जिम्मेदारी दी गई है।
महराजगंज में अब भी तनाव, एएसपी व पीडी की तैनाती

विवाद का केंद्र रहे महराजगंज कस्बे में स्थिति अभी सामान्य नहीं हुई है। कस्बे की दुकानें बुधवार को भी बंद रहीं। पूरी बाजार में सिर्फ एक मेडिकल स्टोर खुला रहा और चंद लोग ही नजर आए। हर तरफ सिर्फ पुलिस, पुलिस के वाहन व पीएसी के जवान ही नजर आए। वहीं मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद के घर के बाहर परियोजना निदेशक अरुण सिंह व बलरामपुर के एएसपी समेत सैकड़ों की संख्या में पुलिसकर्मी तैनात रहे। कस्बे में अब भी 12 कंपनी पीएसी, दो सीआरपीएफ, आरएएफ व चार वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की तैनाती की गई है। सीएम कार्यालय की भी नजर है।
हरदी थाने में 10 मुकदमे दर्ज

हिंसा के मामले में पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। बुधवार तक जिले में दोनों समुदायों पर कुल 12 मुकदमें दर्ज हुए। वहीं, 50 से अधिक लोगों को पुलिस ने अब तक जेल भेजा। हरदी थाने में 10 मुकदमे दर्ज हुए हैं। हरदी थाना प्रभारी कमल शंकर चतुर्वेदी ने बताया कि पहला मुकदमा अब्दुल हमीद समेत छह नामजद व 10 अज्ञात पर लिखा गया था। इसके बाद हुए उपद्रव को लेकर अज्ञात भीड़ पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
शांति के लिए तहसील मुख्यालय पर बैठक

एडीजी गोरखपुर जोन केएस प्रताप, कमिश्नर शशिभूषण लाल, डीआईजी अमरेंद्र प्रसाद, डीएम मोनिका रानी की मौजूदगी में बुधवार को महसी तहसील सभागार में उच्चस्तरीय बैठक हुई। इसमें स्थिति जल्द सामान्य करने पर चर्चा हुई। बैठक के बाद डीएम ने बताया कि 50 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं अन्य का चिह्नांकन जारी है। आगजनी के दौरान हुए क्षति के आकलन में राजस्व टीम लगी हुई है। पीड़ितों को लंच पैकेट, खाद्य सामग्री मुहैया कराई जा रही है।