सामूहिक विवाह में धांधली: बलिया में आठ फर्जी दुल्हन व एडीओ के खिलाफ मुकदमा

मनियर इंटर कॉलेज में 25 जनवरी को हुए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में धांधली की कलई खुलने लगी है। तीन सदस्यीय टीम की जांच रिपोर्ट के आधार पर सीडीओ के निर्देश पर समाज कल्याण अधिकारी ने मनियर थाने में आठ फर्जी लाभार्थियों (दुल्हन) के साथ ही एडीओ समाज कल्याण के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। साथ ही एडीओ समाज कल्याण के खिलाफ निलंबन और बर्खास्तगी की कार्रवाई के लिए डायरेक्टर समाज कल्याण से संतुति करते हुए रिपोर्ट भेज दी गई है। इसके अलावा 20 टीमों का गठन कर मंगलवार को भी विभिन्न गांवों में जांच कराई गई। इसकी रिपोर्ट अभी आ रही है। इसके बाद फर्जी लाभार्थियों के साथ ही कई अधिकारियों पर गाज गिरनी तय है।

समाज कल्याण विभाग की ओर से कॉलेज में आयोजित सामूहिक विवाह में 568 जोड़ों की शादी कराई गई थी। शादी के दौरान मुस्लिम जोड़ों को भी फेरे दिलाए गए थे। शादीशुदा कन्याओं को बिठाकर उनकी फर्जी शादी कराई गई थी। शादी में फर्जी जोड़ों को शामिल करने संबंधी वीडियो भी वायरल हुआ था।

वायरल वीडियो में कन्याओं के सामने दुल्हे नहीं खड़े थे। एक कतार में खड़ी अधिकतर कन्याएं अपने से वरमाला पहन रही थीं। ग्रामीणों के अनुसार जिनकी शादी एक या दो वर्ष पहले हो चुकी थी उन्हें भी लालच देकर बैठा लिया गया था। 26 जनवरी के अंक में ही अमर उजाला ने इसे प्रकाशित किया था।

मामला तूल पकड़ने के बाद सीडीओ ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। टीम में जिला कृषि अधिकारी, दिव्यांगजन कल्याण अधिकारी व जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी शामिल थे। अधिकारियों ने सोमवार को मनियर के सुल्तानपुर, मानिकपुर, ककरघट्टा खास गांव में जांच की थी। इनकी रिपोर्ट के आधार पर मनियर ब्लॉक के सुल्तानपुर की पांच और मानिकपुर की तीन महिला लाभार्थियों के साथ ही एडीओ समाज कल्याण ब्लाक मनियर सुनील कुमार यादव के खिलाफ मनियर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई। 

20 टीमों से कराई गई जांच

तहरीर नवागत जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपक कुमार श्रीवास्तव ने दी। सीडीओ ओजस्वी राज ने बताया कि 20 टीमों से मंगलवार को भी विभिन्न गांवों में जांच कराई गई है। इनकी भी रिपोर्ट आनी शुरू हो गई है। सभी फर्जी लाभार्थियों के साथ ही सत्यापन करने वाले अधिकारी के खिलाफ एफआईआर और निलंबन, बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी। भुगतान रोक दिया गया है।

ये मिलता है लाभ
समाज कल्याण विभाग से संचालित शादी अनुदान योजना की तरह धीरे-धीरे मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना भी भ्रष्टाचार का शिकार होने लगी है। हालांकि सरकार की ओर से इस वर्ष आवेदन से लेकर धन जारी करने तक की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया गया है। इसके बावजूद इसमें धांधली करने वाले बाज नहीं आ रहे। प्रति लाभार्थी 16 हजार की धनराशि विभाग की ओर से खर्च की जाती है। इसमें 10 हजार रुपये दंपति को उपहार देने पर और 6 हजार की धनराशि आगंतुकों के खाने-पीने आदि पर खर्च की जाती है। 35 हजार कन्या के खाते में हस्तांतरित किए जाते हैं। 17 जनवरी को बेल्थरारोड में हुए सामूहिक विवाह के दौरान उपहार में घालमेल को लेकर हंगामा हुआ था।

डीएम बोले
पूरे मामले की मैं स्वयं मॉनिटरिंग कर रहा हूं। किसी दोषी का बख्शा नहीं जाएगा। कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। -रविंद्र कुमार, जिलाधिकारी

दोषियों पर होगा केस, रिकवरी की भी कार्रवाई

सामूहिक विवाह में फर्जीवाड़ा की शिकायत और वीडियो वायरल होने के बाद विभाग में अफरातफरी का माहौल है। इस बीच, सीडीओ ओजस्वी राज ने स्पष्ट किया है कि जांच में गड़बड़ी मिली तो दोषियों पर मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही रिकवरी की कार्रवाई भी की जाएगी। सीडीओ ने कहा कि सामूहिक विवाह योजना के तहत दिए जाने वाले सरकारी अनुदान को जांच पूरी होने तक रोक दिया गया है। लाभार्थियों की सूची का सत्यापन करने वाले कर्मचारियों के साथ ही योजना के तहत आवेदन करने वालों पर भी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

इन दुल्हनों के खिलाफ दर्ज हुआ केस
मनिकपुर निवासी अर्चना, रंजना यादव, सुमन चौहान तथा सुल्तानपुर निवासी प्रियंका, सोनम राजभर, पूजा, संजू, रमिता के खिलाफ तथ्य छिपाकर योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करने के लाभ लेने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here