उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की आरओ/एआरओ परीक्षा प्रश्नपत्र लीक के मामले में एसटीएफ को बड़ी सफलता मिली है। एसटीएफ को आरोपी विशाल दुबे के मोबाइल से लीक कराए गए 30 पन्नों का प्रश्नपत्र मिला है। एसटीएफ की जांच में सामने आया कि आरोपी ने पेपर को डिलीट कर दिया था। लेकिन इसे रिकवर कर लिया गया।
एसटीएफ ने सभी छह आरोपी विशाल, संदीप, अमरजीत, सुभाष, सुनील और विवेक को सोमवार को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है। एसटीएफ ने रविवार को आरोपियों को गिरफ्तार किया था। सूत्रों के अनुसार, एसटीएफ की पूछताछ में विशाल दुबे समेत अन्य आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्होंने अलग-अलग जगहों से आठ अभ्यर्थियों को पेपर पढ़वाने के लिए भोपाल भेजा था।
ये सभी नौ फरवरी को तय जगह पर भोपाल पहुंचे और सभी ने पेपर को अच्छी तरह से रीड किया। इस खुलासे पर अब एसटीएफ की टीम ने सभी आठ अभ्यर्थियों को आरोपी बनाने जा रही है। एसटीएफ जल्द ही इन सभी को गिरफ्तार कर सकती है।
सात अभ्यर्थियों की मार्कशीट बरामद
एसटीएफ के सूत्रों के अनुसार, पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में यह भी बताया कि इन अभ्यर्थियों से डील तय होने के बाद इनके दस्तावेजों को अपने पास जमा करवाया लिया था। इनमें दसवीं, बारहवीं, स्नातक समेत अन्य डिग्रियां और आधार कार्ड से लेकर अन्य दस्तावेज थे।
एसटीएफ ने इनके कब्जे से सात लोगों के दस्तावेज को बरामद किया है। इनमें से एक अभ्यर्थी प्रयागराज जबकि अन्य उप्र के अन्य शहरों समेत बिहार के हैं। एसटीएफ ने इन सभी की कुंडली खंगालने के लिए ब्योरा इकट्ठा कर लिया है। सूत्रों का कहना है कि जल्द ही मामले में शामिल अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जाएगा।
कोचिंग सेंटर खोलना चाहते थे संदीप व विशाल
यह भी पता चला कि विशाल काफी समय से प्रिंटिंग से जुड़ा था। बताया गया कि संदीप और विशाल दोनों शहर में एक कोचिंग सेंटर खोलना चाहते थे। इसके लिए वे जगह की तलाश भी कर रहे थे। लेकिन इससे पहले एसटीएफ ने दोनों को दबोच लिया।