वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति जानेमाने कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा ने पहलगाम आतंकी हमले पर अपनी हालिया टिप्पणी पर सफाई दी। उन्होंने सोमवार को कहा कि उनके इरादों को गलत समझा गया, जिसे स्पष्ट करना उनकी जिम्मेदारी है। वाड्रा ने यह भी कहा कि वह पहलगाम हमले की कड़ी निंदा करते हैं और भारत के साथ खड़े हैं।
‘कुछ दिनों तक मौन रहने का फैसला किया’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा ने फेसबुक पर एक पोस्ट में लिखा, ‘चूंकि मेरे इरादों का मतलब निकाला गया, इसलिए मैं समझता हूं कि उन्हें स्पष्ट करना मेरी जिम्मेदारी है। मैं ईमानदारी, पारदर्शिता और सम्मान के साथ खुद को स्पष्ट करने के लिए प्रतिबद्ध हूं। मैंने कुछ दिनों तक मौन रहने का फैसला किया है, लेकिन इसे उदासीनता या देशभक्ति की कमी के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। वास्तव में यह मेरे देश के प्रति मेरे गहरे प्रेम, सत्य के प्रति मेरे गहरे सम्मान और समर्पण के प्रति मेरी प्रतिबद्धता के कारण है कि मैंने बोलने से पहले चिंतन करने का समय लिया। मौन वह चरण है, जहां जिम्मेदारी परिपक्व होती है, भावनाएं शांत होती हैं और शब्दों को आवेगपूर्ण तरीके से चुनने के बजाय सावधानी से चुना जा सकता है।’
‘मैं भारत के साथ खड़ा हूं और हमेशा ऐसा ही करूंगा’
उन्होंने आगे लिखा, ‘मैं अपने विचारों के बारे में स्पष्ट होना चाहता हूं। मैं पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं, जिसने निर्दोष लोगों की जान ले ली और उनके परिवारों को तोड़ दिया। मैं भारत के साथ खड़ा हूं और हमेशा ऐसा ही करूंगा। इस हमले को रोकने के लिए कोई राजनीतिक, धार्मिक या वैचारिक तर्क नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘निर्दोष और निहत्थे लोगों के खिलाफ हिंसा को माफ नहीं किया जा सकता है।’
हमले में मारे गए लोगों पर भी शोक जताया
उन्होंने आगे कहा कि आतंकवाद किसी भी रूप में हो, मानवता की आत्मा पर हमला है और मनुष्य के बिना किसी भय के जीने के मौलिक अधिकार का हनन करता है। वाड्रा ने हमले में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की और सभी से महात्मा गांधी की अहिंसा का पालन करने की शिक्षाओं को याद रखने का आग्रह किया।
सभी से महात्मा गांधी की शिक्षाओं को याद रखने का आग्रह किया
उन्होंने कहा, ‘कोई भी कारण, कोई भी तर्क निर्दोष लोगों के खून बहाने को सही नहीं ठहरा सकता। मैं उन सभी के लिए शोक व्यक्त करता हूं, जिनके जीवन खो गए, जिनका भविष्य छीन लिया गया, जिनके दिल अकल्पनीय दुख से भर गए और मैं सभी से महात्मा गांधी की शिक्षाओं को याद रखने का आग्रह करता हूं।’
‘अहिंसा साहसी विकल्प’
उन्होंने कहा कि अहिंसा साहसी विकल्प है। हमारे देशवासियों की पीड़ा हमारी अपनी पीड़ा है। आज इस दुख की घड़ी में मैं एक ऐसी दुनिया बनाने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करता हूं, जहां कोई भी बच्चा, कोई भी परिवार, कोई भी समुदाय आतंक के साये में न रहे।
क्यों देनी पड़ी रॉबर्ट वाड्रा को सफाई
इससे पहले 23 अप्रैल को रॉबर्ट वाड्रा ने पहलगाम हमले को कायरतापूर्ण करार दिया था। उन्होंने कहा था कि इस तरह के हमले किसी भी वैध उद्देश्य को पूरा करने में विफल रहे हैं। यह केवल सामाजिक विभाजन को गहरा करते हैं। मैं इस घटना की निंदा करता हूं। ऐसी घटनाएं किसी मुद्दे को नहीं उठाती हैं। नागरिकों पर हमला करके मुद्दों को उठाना कायरतापूर्ण तरीका है। धर्म और राजनीति को अलग-अलग रहना चाहिए। आतंकवादियों ने लोगों की पहचान की जांच करने के बाद उन्हें मार डाला, क्योंकि उन्हें लगता है कि मुसलमानों को दबाया जा रहा है।
22 अप्रैल को हुआ था आतंकी हमला
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में एक नेपाली नागरिक सहित 26 नागरिक मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए थे। इसकी व्यापक निंदा हुई है। भारत सरकार की ओर से त्वरित कूटनीतिक और रणनीतिक जवाबी कार्रवाई की गई है।