उत्तर प्रदेश सरकार ने अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति की दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना में 60 प्रतिशत अंकों की बाध्यता खत्म कर दी है।
अभी तक इस योजना के तहत निजी शिक्षण संस्थानों में संचालित व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में केवल उन छात्र-छात्राओं को ही छात्रवृत्ति मिलती थी, जिनके इंटरमीडिएट में 60 प्रतिशत से अधिक अंक होते थे।
नए नियम के तहत 60 प्रतिशत से कम अंक पाने वाले छात्र-छात्राएं भी योजना का लाभ ले सकेंगे।