लखनऊ। बी.एस.पी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि कोरोना प्रकोप व अर्थव्यवस्था की 1991 जैसी ज़बरदस्त बदहाली हुई है। इस कारण पूरे देश में व्याप्त अति-महंगाई, ग़रीबी व बेरोज़गारी की मार आदि के कारण जन-जीवन त्रस्त हो गया है। इससे अब भाजपा के प्रति व्यापक जन आक्रोश व्याप्त है तथा इनका रेटिंग ग्राफ भी काफी गिरा है। इसके बावजूद भाजपा को प्रदेश में एक हिन्दी न्यूज चैनल द्वारा सर्वे में आगे दिखाना प्रायोजित व शरारत पूर्ण लगता है।
मायावती ने कहा कि बसपा को सत्ता में आते देखकर सभी विरोधी पार्टियां चाहे भाजपा हो या सपा हो या फिर कांग्रेस अलग-अलग होते हुए भी बसपा को हराने के लिए एक हो गये हैं। ये सभी मिलकर हर तरह का षड्यंत्र कर रहे हैं। पार्टी के लोगों से यही कहना है कि वे पहले से ही सतर्क व सजग रहें और अब इन्हें ऐसी सभी परिस्थितियों का भी डटकर सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहना है।
बसपा प्रमुख ने कहा कि कल मीडिया के एक हिन्दी न्यूज़ चैनल द्वारा यूपी में इस बार विधानसभा का आमचुनाव होने पर भाजपा का वोट प्रतिशत पिछली बार के 40 से भी अधिक दिखाने का इनका प्री-पोल सर्वे प्रायोजित और शरारत पूर्ण लगता है।
मायावती ने कहा कि यहाँ 2007 के हुये विधानसभा आमचुनाव में बी.एस.पी के पक्ष में जबरदस्त माहौल होने के बावजूद भी उस समय हर प्री-पोल सर्वे पक्षपाती तौर पर बी.एस.पी. की सरकार बनाने की बात कबूल कर लेने के बजाय केवल हमारी पार्टी को सिंगिल लार्जेस्ट पार्टी बनकर उभरने की ही बात कर रहा था। वर्तमान के इस प्री-पोल सर्वे को भी पूर्णतया हवा-हवाई, शरारतपूर्ण व भ्रामक करने वाला ही कहा जाये तो यह कतई भी अनुचित अर्थात् गलत नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि इससे इनका ख़ास मकसद भाजपा को मज़बूत दिखाते रहने से ज्यादा बी.एस.पी. के लोगों का मनोबल गिराना ही लगता है। मायावती ने कहा कि जबसे बी.एस.पी के तत्वावधान में प्रबुद्ध वर्ग के सम्मेलन जो पूरे उत्तर प्रदेश में हो रहे हैं, उसका पहला दौर आज खत्म हो जाएगा लेकिन इसका औपचारिक समापन लखनऊ में सात सितम्बर को होगा। और फिर उसके बाद प्रबुद्ध समाज तैयार करने के लिए दूसरे चरण का यह कार्यक्रम शुरू होगा।