फर्रुखाबाद में ठेकेदार शमीम हत्याकांड में बसपा नेता डॉ. अनुपम दुबे की हाईकोर्ट में जमानत मंजूर हो गई है। हाईकोर्ट ने एक व्यक्तिगत बंधपत्र व दो जमानती प्रस्तुुत करने के आदेश दिए हैं। 27 वर्ष पहले ठेकेदार शमीम की गोली मारकर फतेहगढ़ में हत्या की गई थी।
जनपद कन्नौज की गुरसहायगंज कोतवाली के समधन निवासी लकड़ी ठेकेदार शमीम की 26 जुलाई 1995 को फतेहगढ़ कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला कसरट्टा के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसके भाई ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
पुलिस ने शमीम हत्याकांड में 14 जुलाई 1999 को बसपा नेता डॉ. अनुपम दुबे, शिशु व राजू लंगड़ा के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। कोर्ट ने सह आरोपी राजू लंगड़ा को बरी कर दिया था। गवाह इदरीश के मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराए गए थे।जीआरपी इंस्पेक्टर रामनिवास यादव हत्याकांड में कानपुर जीआरपी 12 जुलाई 2021 को अनुपम दुबे के मकान की कुर्की करने पहुंची थी। इसके बाद अनुपम ने 14 जुलाई को शमीम हत्याकांड में कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था। वह मैनपुरी जिला जेल में निरुद्ध है।
हाईकोर्ट में छह अप्रैल को बसपा नेता की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। उनके वकील ने गवाह के बार-बार बयान बदलने पर जोर दिया। अभियोजन के वकील ने कहा कि बसपा नेता के खिलाफ 46 मुकदमे हैं। बसपा नेता के वकील ने कोर्ट के बताया कि 41 मुकदमों में उनको कोर्ट ने बरी कर दिया है।दो मुकदमों में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी है। केवल तीन मुकदमे ही विचाराधीन हैं। हाईकोर्ट के जज ने दलीलें सुनने के बाद अनुपम दुबे की जमानत याचिका मंजूर कर ली। उन्होंने बसपा नेता को व्यक्तिगत बंधपत्र व दो अन्य जमानत लेने वालों को कोर्ट में प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।