श्रृंगार गौरी मूल वाद की नहीं हो सकी सुनवाई, 19 जनवरी नई तारीख

ज्ञानवापी आदि विश्वेश्वर मामले में किरन सिंह की तरफ से दाखिल वाद की सुनवाई श्रृंगार गौरी मूल वाद के साथ किए जाने का आवेदन किया गया है। इससे पहले श्रृंगार गौरी मामले की वादिनी लक्ष्मी देवी समेत चार महिलाओं की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता  विष्णु जैन ने दलील रखी थी।

अधिवक्ता ने कहा था कि ज्ञानवापी से संबंधित मुकदमों को अपने पास स्थानांतरित कर एक साथ  सुनवाई की जाए, क्योंकि सभी मुकदमों में विधि व तथ्य समान हैं। ऐसे में सभी मुकदमों को एक साथ सुना जाना चाहिए। वहीं, किरन सिंह  की तरफ से जवाब में दलील रखना शुरू कर दिया गया था।

भगवान आदि विश्वेश्वर को ज्ञानवापी का मालिकाना हक दिए जाने की मांग

अधिवक्ताओं मानबहादुर सिंह, शिवम  गौड़, अनुपम द्विवेदी की दलील थी कि इन महिला वादियों को स्थानांतरण आवेदन देने का कोई अधिकार नहीं है। किसी अन्य मुकदमे में पक्षकार भी नहीं हैं। ऐसे में स्थानांतरण आवेदन देने का कोई अधिकार नहीं है। सभी  मुकदमों में पक्षकार अलग-अलग हैं। ऐसे  में न इनके मामले समेकित और न स्थानांतरित किए जा सकते हैं। किरन सिंह की तरफ से दाखिल वाद में भगवान आदि विश्वेश्वर को ज्ञानवापी का मालिकाना हक दिए जाने की मांग की गई है।

महिला वादियों को धमकी मामले में सोमवार को होगी सुनवाई

अदालत के बाहर हिंदू पक्ष के अधिवक्ता और पैरोकार

श्रृंगार गौरी की महिला वादकारियों से गालीगलौज व धमकी मामले में सीजेएम विजय विश्वकर्मा की अदालत में शनिवार को सुनवाई टल गई। गालीगलौज और धमकी देने के मामले में अधिवक्ता सहित दो लोगों के खिलाफ पड़ी अर्जी पर सुनवाई अब नौ जनवरी (सोमवार) को होगी। कोर्ट ने इस मामले में कैंट थाने से आख्या तलब की है। दरअसल, दिसंबर में ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण की वादिनी महिलाएं रेखा पाठक, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी व सीता साहू ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। आरोप था कि श्रृंगार गौरी प्रकरण की एक वादिनी राखी सिंह के एक पैरोकार की ओर से मुख्यमंत्री को पॉवर ऑफ अटार्नी सौंपने और मुकदमा वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। सुनवाई के दौरान अदालत परिसर में पहुंचने पर कई बार अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल भी किया गया।

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