अयोध्या में राम मंदिर को दिव्य और भव्य स्वरूप देने के लिए अब तक कुल 1621 करोड़ रुपये व्यय किए जा चुके हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान मंदिर निर्माण सहित अन्य परियोजनाओं पर कुल 652 करोड़ रुपये का खर्च हुआ है। यह जानकारी 7 जून को मणिरामदास छावनी में हुई श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में दी गई, जिसमें आय-व्यय का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया गया।
राम जन्मभूमि परिसर में मुख्य मंदिर का निर्माण पूर्ण हो चुका है। इसके साथ ही तीर्थयात्री सुविधा केंद्र, सप्त मंडपम और पुष्करणी का निर्माण कार्य भी पूरा कर लिया गया है। वर्तमान में इन परियोजनाओं में फिनिशिंग का कार्य चल रहा है। मंदिर के चारों ओर आयताकार परकोटे का निर्माण जारी है, जिसका करीब 20 प्रतिशत कार्य बाकी है। इसी तरह शेषावतार मंदिर का भी 20 प्रतिशत निर्माण शेष है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को मंदिर निर्माण का शुभारंभ किया था। तब से अब तक साढ़े चार वर्षों में मंदिर निर्माण पर लगभग 1200 करोड़ और अन्य परियोजनाओं पर 400 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जा चुके हैं।
परिसर में दक्षिणी दिशा में प्रवेश द्वार का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके बाद तीसरे गेट पर द्वार बनाया जाएगा। इसी दिशा में संग्रहालय, विश्रामालय और ट्रस्ट कार्यालय भवन का निर्माण प्रस्तावित है। साथ ही, सरयू किनारे स्थित रामकथा संग्रहालय के सौंदर्यीकरण का कार्य भी जारी है। इन सभी निर्माण कार्यों को अप्रैल 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। ट्रस्ट का अनुमान है कि संपूर्ण परियोजना पर कुल दो हजार करोड़ रुपये तक खर्च हो सकते हैं।
ट्रस्ट द्वारा मार्च से मई 2025 के बीच तीन महीने में कुल 10,433 वर्गफुट भूमि 1 करोड़ 55 लाख 40 हजार 800 रुपये में खरीदी गई है। इनमें बाग बिजेसी क्षेत्र में 3060 वर्गफुट भूमि 47 लाख 20 हजार 800 रुपये में खरीदी गई, जबकि इसी क्षेत्र में विश्व मोहिनी से 6691 वर्गफुट भूमि 98 लाख 20 हजार 800 रुपये में अधिग्रहित की गई। इसके अलावा कोट रामचंद्र क्षेत्र में 6874 वर्गफुट जमीन 10 लाख रुपये में खरीदी गई है।