यूपी में कुछ ठीक नहीं…बीजेपी की बैठक में हार पर चर्चा, गिनाए गए कारण

लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बीजेपी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. पार्टी 2019 के मुकाबले 62 सीटों से घटकर 33 सीटों पर आ गई है. इन्हीं नतीजों पर मंथन के लिए लखनऊ में बीजेपी प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक हो रही है. बैठक में लोकसभा चुनाव के नतीजों पर मंथन के साथ-साथ, यूपी की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव और 2027 विधानसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा की जाएगी. उधर बैठक में शामिल होने आए पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि यूपी में कुछ ठीक नहीं है. प्रयागराज से मंडल अध्यक्ष सियाराज और पिछड़ा मोर्चा के अध्यक्ष सुभाष पटेल का कहना है कि कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा है, अधिकारी सरकार चला रहे हैं और मंत्री मजबूर हैं. उनका कहना है कि यहां कोई कुछ नहीं बोलता है लेकिन ऐसे तो पार्टी हार जाएगी.

विपक्ष पर झूठा नैरेटिव गढ़ने का आरोप

मोदी सरकार में मंत्री रहे पूर्व सांसद कौशल किशोर कहते हैं कि विपक्ष के नैरेटिव और पार्टी के कुछ लोगों के कारण हम हारे. उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान फैजाबाद के सांसद लल्लू सिंह के बयान के बाद पार्टी की हालत और ख़राब हो गई. सासंद विनोद सोनकर का कहना है कि यूपी में हार का कारण विपक्ष का बनाया संविधान और आरक्षण खत्म करने का नैरेटिव था, साथ ही उन्होंने ‘अबकी बार, 400 पार’ के नारे को भी हार का कारण बताया. यही नहीं उन्होंने पार्टी के कुछ लोगों पर भितरघात का आरोप भी लगाया है.

कार्यकर्ता का सम्मान प्राथमिकता- भूपेंद्र चौधरी

वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा है कि कार्यकर्ता का सम्मान हमारी प्राथमिकता है. उन्होंने कहा है कि पूरी बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेगी. उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर संकल्प लें कि यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में 100 फीसदी जीत हासिल करेंगे. उन्होंने कहा कि अगली लड़ाई स्वार्थी, परिवारवादियों और मोदी के परिवार के बीच है. भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि अगले चुनाव राष्ट्र विरोधियों और राष्ट्रभक्तों के बीच हैं. उन्होंने कहा कि 2047 में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का प्रधानमंत्री मोदी का संकल्प हम सभी कार्यकर्ताओं को पूरा करना है.

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