यूपी के सोनभद्र जिले के बिजवार गांव में तीन मौतों के बाद दूसरे दिन भी ग्रामीण सदमे में रहे। हृदय विदारक घटना ने हर किसी को झकझोर दिया है। गांव के लोग तीनों के व्यवहार और कामकाज को याद कर रहे हैं। साथ ही काल के इस क्रूर खेल को भी कोस रहे हैं। गुरुवार को दोनों परिवारों के घर के बाहर सन्नाटा पसरा रहा। अंदर से आ रही महिलाओं के सिसकियों की आवाज सन्नाटे को चीर रही थीं।
दोपहर में पहुंचे राजस्व कर्मियों ने किसान बीमा योजना से संबंधित कागजी औपचारिकताएं पूरी की। गांव में फोर्स भी लगाई गई है। महज छह दिन पहले बेटी के जन्म पर जिस घर में खुशी थी, अब वहां मातम छा गया है। बलवंत की मौत ने पांच बच्चों के सिर से पिता का साया छिन लिया है। पड़ोसी की मदद करने में उसने अपनी जान गंवा दी।
सगे भाइयों को पट्टीदारों ने दी मुखाग्नि
रायपुर थाना क्षेत्र के बिजवार गांव में बुधवार की सुबह मनहूस साबित हुई। कुएं से मोटर निकालने के लिए अंदर उतरे सगे भाई दीपक और सूर्य प्रकाश के साथ पड़ोसी बलवंत की कुएं से निकली जहरीली गैस के प्रभाव से मौत हो गई थी। इसके बाद ग्रामीणों ने पांच घंटे चक्काजाम कर दिया था। देर शाम पोस्टमार्टम के बाद तीनों के शव का हिंदुआरी में अंतिम संस्कार किया गया।दीपक और सूर्य प्रकाश के परिवार में कोई पुरुष सदस्य न होने के कारण पट्टीदारों ने मुखाग्नि दी, जबकि बलवंत का अंतिम संस्कार छोटे भाई ने कराया। देर रात घर लौटने के बाद से ही दोनों परिवारों के लोग गम में डूबे हुए हैं। दरवाजे पर सन्नाटा पसरा है, लेकिन घर के अंदर से सिसकियों की आवाज लगातार आ रही है।
दूधमुंही बच्ची के सिर से उठा पिता का साया, मदद करने में गंवा दी जान

बिजवार गांव में तीन मौतों के बाद मातम छा गया है। घटना के बाद से गांव का हर कोई शोक में डूबा हुआ है। मृतकों के परिजनाें का रो-रोकर बुरा हाल है। महज छह दिन पहले बेटी के जन्म पर जिस घर में खुशी थी, अब वहां मातम छा गया है। बलवंत की मौत ने पांच बच्चों के सिर से पिता का साया छिन लिया है। पड़ोसी की मदद करने में उसने अपनी जान गंवा दी। पड़ोसी दीपक और उसके भाई सूर्य प्रकाश को बचाने के लिए बलवंत कुएं में उतरा था, लेकिन उसे क्या पता था कि मदद करने की कोशिश में वह अपनी जान गंवा देगा। बलवंत अपने घर का एकमात्र कमाऊ सदस्य था।परिवार में उसकी पत्नी और पांच बच्चे हैं। सबसे बड़ी बेटी शिवानी 16 वर्ष की है। उसके बाद पुत्र राम 10, श्याम 8 और प्रियांशु 6 वर्ष का है। महज छह दिन पहले ही बलवंत की पत्नी ने एक बच्ची को जन्म दिया था। घर में लक्ष्मी के आगमन के बाद पूरा परिवार खुशी से झूम रहा था। इस बीच अनहोनी ने पूरा परिदृश्य ही बदल दिया। पति की मौत की खबर के बाद पत्नी रोते-राेते बेहोश हो जा रही है। बेटी शिवानी भी रो-रोकर बेहाल है।
डेढ़ साल पहले हुई थी सूर्य प्रकाश की शादी
कुएं में जहरीली गैस के प्रभाव से जान गंवाने वाले सूर्य प्रकाश की शादी अभी डेढ़ वर्ष पहले ही हुई थी। दो भाइयों में छोटे सूर्य प्रकाश की मौत से पत्नी और मां फूलवंती का रो-रोकर बुरा हाल है। इस परिवार में अब कोई पुरुष सदस्य नहीं रहा। ग्रामीणों के मुताबिक बड़े भाई दीपक को कोई संतान नहीं है।
तीन फीट ब्यास का है कुआं, गहराई 50 फीट से ज्यादा
जिस कुएं से जहरीली गैस निकलने तीन मौतें हुई, वह पेयजल का बड़ा सहारा था। गर्मी में हैंडपंपों के सूखने के बाद इसी कुएं के पानी से लोगों की प्यास बुझती थी। पानी का लेबल नीचे जाने के कारण ही कुएं के अंदर मोटर लगाया गया था। बारिश के बाद जलस्तर बढ़ने पर उसे निकाला जा रहा था। कुएं का ब्यास महज तीन फीट का है, जबकि गहराई काफी ज्यादा है। ऊपर संकरा होने के कारण कुएं के अंदर तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता।