सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को रायबरेली में बसपा संस्थापक कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण करते हुए उनकी विरासत पर दावा ठोका। उन्होंने कहा कि कांशीराम के अनुयायी अब हमारे साथ हैं। ये सभी एक वक्त बसपा में नंबर वन थे। अब सपा में सामाजिक आंदोलन को आगे बढ़ा रहे हैं। कांशीराम और नेताजी मुलायम सिंह यादव के संकल्प को समाजवादी पार्टी पूरा करेगी। सामाजिक समरसता कायम करते हुए 2024 में भाजपा को सत्ता से बेदखल करेगी और दलितों, पिछड़ों को हक दिलाएगी।
रायबरेली के दीनशाह गौरा ब्लाक स्थित मान्यवर कांशीराम महाविद्यालय में लगी कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण करते हुए सपा अध्यक्ष ने सामाजिक लड़ाई लड़ने का एलान किया। रामचरित मानस की चौपाई की आड़ में शुद्रों को अपने पाले में लाने की कवायद में जुटे पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य की पत्नी शिवा मौर्य के प्रबंधन वाले महाविद्यालय में हुई जनसभा में सपा अध्यक्ष ने दलितों को हक दिलाने की दुहाई दी। यह भी कहा कि कांशीराम कई जगह से चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें मुलायम सिंह यादव ने समाजवादियों के साथ मिलकर इटावा से लोकसभा में भेजा। उनके लोकसभा में जाने के बाद प्रदेश में नई राजनीति की शुरुआत हुई। सपा अध्यक्ष ने कहा कि समाजवादी आंदोलन में जो रास्ता डा. लोहिया और नेताजी ने अपनाया, वहीं रास्ता डा. अंबेडकर और कांशीराम का है। कांशीराम ने उन लोगों की लडाई लड़ी, जिन्हें संविधान में दिए गए अधिकार नहीं मिले पा रहे थे। अपने संघर्ष के जरिए लोगों को संविधान में दिए गए अधिकार को दिलवाया। कांशीराम ने घर-घर जाकर लोगों को जोड़ने का कार्य किया। उन्होंने दोहराया कि वे कांशीराम के बताए रास्ते पर चलकर समतामूलक समाज की स्थापना के लिए संकल्पित हैं।
सपा अध्यक्ष ने बसपा का नाम लिए बगैर कहा कि जो लोग कह रहे हैं कि हम सेंध लगाने आए हैं, वे जान लें कि हम सभी लोगों को एकसूत्र में बांधने आए हैं। बसपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जो काम उन्हें करना चाहिए था। वे नही किए। सपा कर रही है तो उन्हें तकलीफ हो रही है। मान्यवर कांशीराम की मूर्ति लगने पर सबसे ज्यादा खुशी उनके अनुयायियों को ही होनी चाहिए। जिन्हें खुशी नहीं है वह कांशीराम के अनुयायी नहीं हो सकते हैं। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य की तारीफ करते हुए कहा कि कांशीराम की प्रतिमा लगवाकर जिस राजनीति की शुरुआत की है, उसके लिए उन्हें बधाई। भाजपा पर निशाना साधते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा कि किसी जमाने में ईस्ट इंडिया कंपनी आई थी। देश गुलाम हुआ। अब एक बार फिर देश को निजी हाथों में बेचा जा रहा है। गरीबों का हक उद्योगपतियों के यहां गिरवी रखा जा रहा है। आरक्षण खत्म किया जा रहा है। निजीकरण को बढावा दिया जा रहा है। ऐसे में जातीय जनगणना जरूरी है।