बदायूं के सूर्यकुंड स्थल का प्रकरण गर्मा गया है। पिछले कई दिनों से स्थल पर पुनर्स्थापित कराने की मांग को लेकर बौद्ध समाज के लोग धरने पर बैठे हुए हैं। सोमवार को धरना स्थल पर भीड़ जमा हो गई। लोगों ने हुंकार भरी कि अगर 20 दिसंबर तक पुलिस प्रशासन ने बौद्ध धर्म के लोगों को सूर्यकुंड पर पुनर्स्थापित नहीं कराया तो वे लोग खुद वहां पहुंच जाएंगे। उन्होंने चौकी इंचार्ज और हिंदू संगठन के पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
सिविल लाइंस क्षेत्र के गांव मझिया में सम्राट अशोक पर्यटक स्थल बुद्ध बिहार सूर्यकुंड में सात दिसंबर को हिंदू संगठन के कुछ पदाधिकारी पहुंचे। उन्होंने वहां पर रह रहे बौद्ध धर्म के लोगों पर शिवलिंग और नंदी को मिट्टी में दबाने का आरोप लगाते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शिवलिंग और नंदी को मिट्टी से निकलवाकर स्थापित कराया और वहां पर रह रहे लोगों के खिलाफ शांति भंग की कार्रवाई करते वहां रहने पर पाबंदी लगा दी थी।
इसके बाद से बौद्ध धर्म के लोग मालवीय आवास पर आकर धरने पर बैठ गए। तभी से यह लोग धरना दे रहे हैं। सोमवार को धरने में शामिल होने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंच गए। लोगों ने पंचायत की इसके बाद अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 20 दिसंबर तक पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों ने बौद्ध धर्म के लोगों को सूर्यकुंड पर पुनर्स्थापित नहीं कराया तो वे लोग खुद ही 21 दिसंबर से वहां चले जाएंगे।

मालवीय आवास पर तैनात रही पुलिस व पीएसी
मालवीय आवास पर सोमवार को बौद्ध धर्म के अनुयायियों द्वारा बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर धरना-प्रदर्शन किया गया। इस दौरान पुलिस को भनक लगी कि बौद्ध भिक्षु सूर्यकुंड भी जा सकते हैं। इसके बाद इंस्पेक्टर सिविल लाइंस, थाने का फोर्स व पीएसी को मालवीय आवास गृह में भेजा गया। शाम तक पीएसी यहां तैनात रही। वहीं सूर्यकुंड पर भी पुलिस तैनात की गई है।