फतेहपुर में ऑटो सवार दस लोगों की हुई थी मौत, एक साथ उठीं तीन अर्थियां

फतेहपुर के जहानाबाद में चिल्ली मोड़ पर टैंकर की टक्कर से ऑटो सवार दस लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों में गजनेर निवासी दंपती व उनकी बेटी भी शामिल थी। पोस्टमार्टम के बाद बुधवार को सभी के शव गांव पहुंचे तो परिजन बिलख पड़े। तीनों की अंतिम यात्रा में कस्बे के लोग उमड़ पड़े। कैबिनेट मंत्री ने गांव पहुंचकर परिजनों को सांत्वना दी। दोपहर में एक साथ तीनों की अर्थियां उठीं तो परिजनों के साथ मौके पर मौजूद सभी लोगों की आंखें छलक आईं।

फतेहपुर के जहानाबाद में चौडगरा-घाटमपुर मुगल रोड के चिल्ली मोड पर मंगलवार दोपहर में दूध के टैंकर और ऑटो की टक्कर हो गई थी। हादसे में दस लोगों की मौत हो गई थी। इसमें गजनेर कस्बा निवासी फरमान (28), पत्नी शहनाज (26) व डेढ़ वर्ष की बेटी इनायत की मौके पर मौत हो गई थी। दंपती व मासूम के शव बुधवार सुबह गजनेर कस्बे में पहुंचे। इसपर माहौल गमगीन हो गया। शव घर आने की खबर लगते ही हजारों लोगों की भीड़ जुट गई।फरमान आइस्क्रीम का ठेला लगाता था। वह पत्नी व बेटी को लेकर फतेहपुर के अमौली गोपालपुर निवासी मामा रजा हुसैन के यहां विवाह समारोह में शामिल होने जा रहा था। इधर, अनहोनी की खबर गजनेर में मंगलवार रात करीब आठ बजे पहुंची। इस पर मां वहीदन व भाभी रेशमा बेगम सन्न रह गई। वह रोने चिल्लाने लगी तो लोग जुट गए। फतेहपुर में रात में ही तीनों शवों का पोस्टमार्टम हुआ। इसके बाद बुधवार को सुबह सात बजे तीनों शव गजनेर पहुंचे। इस पर गांव के लोग अंतिम दर्शन के लिए फरमान के घर पर पहुंच गए।

लोग फरमान के मिलनसार व्यक्तित्व को याद कर बिलख रहे थे। शव गांव आने की जानकारी मिलते ही कैबिनेट मंत्री राकेश सचान मौके पर पहुंचे और दुखी परिजनों को सांत्वना दी। उन्होंने डीएम से वार्ता की। मृतकों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक मदद और दुर्घटना बीमा का जल्द से जल्द लाभ दिलाने को कहा।

मां बेटी को एक ताबूत में दी विदाई
दोपहर दो बजे मां बेटी के शव एक ताबूत व फरमान का शव अलग ताबूत में रखा गया। अंतिम यात्रा में अर्थियां एक साथ उठीं तो परिजन बिलखने लगे। इस पर वहां मौजूद हर किसी की आंख नम हो गई। इसके बाद जनाजा कब्रिस्तान पहुंचा और यहां शवों को दफनाया गया।

पीड़ित परिजनों के लिए मोहल्ले के लोगों ने बनवाया खाना
जहानाबाद में हुए हादसे में मूसानगर के रसूलपुर निवासी एक परिवार के पांच रिश्तेदारों की मौत से गांव में बुधवार को माहौल गमगीन रहा। दिन भर दुखी परिजन बिलखते रहे। इधर, घायल बहादुर को परिजनों ने हैलट से हटाकर निजी अस्पताल में भर्ती कराया है। वहीं, दुख की घड़ी में पीड़ित परिवार में चूल्हे नहीं जले तो मोहल्ले वाले आगे आए। लोगों ने खाना बनाकर दुखी परिवार के लोगों को भोजन कराया।

जहानाबाद में मंगलवार को हुए हादसे में इटावा जिले के फ्रेंडस कॉलोनी के बंगाली मोहाल निवासी अनिल (38) समेत पांच लोगों की मौत हो गई थी। अनिल की ससुराल कानपुर देहात में मूसानगर के रसूलपुर फत्तेपुर में है। वह यहां 15 दिन से थे। यहां से ससुर बहादुर के साथ वह बड़े भाई के बेटे की शादी में शामिल होने जहानाबाद के लालूगंज जा रहे थे, तभी हादसा हो गया था। घायल बहादुर को परिजनों ने कानपुर के हैलट अस्पताल और फिर निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया है। बुधवार को बहादुर के घर में सन्नाटा पसरा रहा। परिजन गमगीन रहे तो घर में चूल्हा नहीं जला। इस पर मोहल्ले के जाफर, समजीदा, इब्राहिम, राजा आदि ने अन्य लोगों की मदद से पूडी सब्जी बनवाकर दुखी परिवार के सदस्यों को भोजन कराया। मोहल्ले के लोगों का कहना है कि दुख की घड़ी में मदद करना इंसानियत है।

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