पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों की दशा बदहाल

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में आंगनबाड़ी केंद्रों की पड़ताल की गई तो चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। कहीं आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत बदहाल है तो कहीं आंगनबाड़ी भवन जर्जर हालत में हैं। यही नहीं शामली में तो पंचायत भवन और बरातघर में आंगनबाड़ी केंद्र चल रहे हैं। पेश है तीन जिलों से ग्राउंड रिपोर्ट-

बागपत में आंगनबाड़ी केंद्र बना तबेला तो किसी जगह लटके ताले
बच्चों के स्कूल में कदम रखने से पहले प्री-प्राइमरी शिक्षा देने की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी केंद्रों की होती है। मगर, यहां आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत बदहाल है और सबकुछ अव्यवस्थित है। किसी जगह आंगनबाड़ी केंद्र तबेला बना हुआ है और उसमें पशुओं को बांधा जाता है तो किसी जगह ताले लटके रहते हैं। कार्यकर्ताओं को मजबूरी में अपने घरों में एक कमरे में केंद्र चलाना पड़ रहा है। किसी जगह पर पोषाहार देकर घंटों पहले ही बच्चों को घर भेज दिया जाता है। क्या इन हालात में आंगनबाड़ी केंद्रों से बच्चों को शिक्षित करने की उम्मीद कर सकते हैं?

गौरीपुर का आंगनबाड़ी केंद्र बना तबेला, पशु बांधे जा रहे
गौरीपुर में तीन आंगनबाड़ी केंद्र है, जिनमें एक को यमुना के किनारे श्मशान घाट के पास बनाया गया है। इस आंगनबाड़ी केंद्र का ताला ही नहीं खुलता है। केंद्र के अंदर पशुओं को बांधा जाता है। अन्य दो केंद्रों के लिए भवन नहीं होने के कारण एक कार्यकर्ता अपने घर के एक कमरे में केंद्र चलाती है। उसमें ही दोनों केंद्रों के बच्चे बुलाए जाते हैं और कोई सुविधा नहीं होने के कारण बच्चे नीचे बैठाए जाते हैं। 

निवाड़ा के आंगनबाड़ी केंद्र पर लटका ताला, घास भी उग गई
निवाड़ा में उच्च प्राथमिक विद्यालय के परिसर में आंगनबाड़ी केंद्र चलाया जा रहा है। केंद्र का ताला तक नहीं खुलता है। ताले पर जंग भी लगना शुरू हो गया है। अब आंगनबाड़ी केंद्र खुलने के आदेश हो गए हैं, लेकिन उसके बाद भी उसे खोला नहीं जा रहा है और वहां घास भी जम गई है। अब पोषाहार किस तरह से बांटा जा रहा है, यह किसी को नहीं पता है। 

सिसाना में घंटों पहले भेज दिए जाते हैं बच्चे
सिसाना गांव में आंगनबाड़ी के भवन में दो केंद्र चलाए जा रहे हैं। जहां एक केंद्र में 26 व दूसरे में 20 बच्चे हैं। आंगनबाड़ी केंद्र खुलने का समय सुबह नौ बजे से एक बजे तक है, लेकिन उसे सुबह के समय नहीं खोला जाता है। वहीं दोपहर को घंटे भर पहले ही बच्चों को भेज दिया जाता है। हालांकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना था कि केंद्र में रखरखाव का कार्य चल रहा है, इसलिए बच्चों को जल्दी भेज दिया गया। 

आंगनबाड़ी केंद्र काफी समय से नहीं खुल रहे थे, इसलिए कुछ समस्या हो सकती है। अब व्यवस्था को बेहतर किया जा रहा है और सभी केंद्रों को दिखवाकर व्यवस्था ठीक कराई जाएगी।

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