योगी को समस्या बताने जा रहे ग्रामीणों को पुलिस ने ट्रेन से उतारा

लखीमपुर खीरी में मैलानी क्षेत्र के गांव कंधईपुर का मामला सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को मुख्यमंत्री को दुखड़ा सुनाने जा रहे ग्रामीणों को पुलिस ने गोला स्टेशन पर जबरन ट्रेन से उतार लिया था। इन लोगों में शामिल दो महिलाएं लापता हैं। काफी खोजबीन के बाद भी दोनों महिलाओं का सुराग नहीं लगा है। वहीं कुछ ग्रामीणों ने सोमवार को भी ट्रेन से लखनऊ जाने की कोशिश की, मगर पुलिस ने उन्हें ट्रेन में बैठने ही नहीं दिया।

गांव कंधईपुर में पासी समाज के एक व्यक्ति का शव आरख समाज के एक व्यक्ति के घर से बरामद होने के बाद सुलगी चिंगारी अब तक शांत नहीं हो सकी है। डेढ़ महीना बीत चुका है, मगर इस प्रकरण में रोज कुछ न कुछ हो रहा है। रविवार को गोरखपुर एक्सप्रेस से लखनऊ जा रहे ग्रामीणों और महिलाओं को ट्रेन से उतारकर पुलिस ने उन्हें कंधईपुर गांव पहुंचा दिया। 

एक ग्रामीण महिला ने बताया कि साथ गई दो महिलाएं गांव नहीं पंहुची हैं। उनका कोई अता-पता नहीं चल रहा है। उधर, मामले में पुलिस सोमवार को भी चौकन्नी रही। एक ग्रामीण महिला ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सोमवार को कुछ ग्रामीण और महिलाएं सुबह पांच बजे छूटने वाली ट्रेन से लखनऊ जाने के लिए स्टेशन पहुंचे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें ट्रेन पर सवार नहीं होने दिया।

गांव में हालात सामान्य

सोमवार को गांव के हालात सामान्य दिखे। गलियों में बच्चे गर्मी से बचने को खुले में नहाते दिखाई दिए। कई महिलाएं आंगन में बर्तन साफ करती दिखाई दीं, तो जहां-तहां लोग पेड़ों की छांव में बैठे दिखे। आरख समाज के घरों के सामने पुलिस तैनात दिखी। पासी समाज के लोगों का कहना है कि आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया, यही टीस है।

यह था मामला 

युवक बृजेश पासी का शव एक घर के कमरे में फंदे से लटकता मिला था। पुलिस का कहना है कि दरवाजा तोड़कर शव बाहर निकलवाया गया था। मृतक के पिता की तहरीर पर आरख समाज के राम सिंह सहित पांच के खिलाफ हत्या और एसएसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। युवक का शव मिलने के बाद गांव की बहुसंख्यक आबादी पासी समाज में आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से अत्यधिक आक्रोश था। इस आक्रोश को समझने में पुलिस चूक गई और पुलिस पर भी हमला हो गया। पुलिस पर ग्रामीणों को पीटने के आरोप लगे। 

दबी जुबान में पुलिस ने भी मानी अपनी चूक

पुलिस सूत्र बताते हैं कि अगर पूरी प्लानिंग के साथ पूरे गोला सर्किल का फोर्स इकट्ठा होकर आरख समाज के लोगों को गांव में शिफ्ट कराने जाते तो ऐसी घटना नहीं होती। अति आत्मविश्वास में एसओ राहुल सिंह बिना उच्चाधिकारियों को सूचना दिए फोर्स के साथ गांव जा पहुंचे थे। अगर सर्किल के सभी थानों का फोर्स पहुंचकर वहां पर आरख समाज के लोगों को बसाने की कोशिश करता, तो ऐसी घटना से बचा जा सकता था। हालांकि, थाना प्रभारी रहे राहुल सिंह को हालात न संभाल पाने की वजह से लाइन हाजिर किया जा चुका है।

सीओ गोला राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि पुलिस ने कमरे का दरवाजा तोड़कर युवक का शव निकलवाया है। इसका वीडियो मौजूद है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हैंगिंग से मौत होना आया है। आरोपियों के खिलाफ ऐसे पर्याप्त साक्ष्य और सुबूत नहीं मिल रहे हैं, जिससे आरोप की पुष्टि हो। लिहाजा हत्या जैसे जघन्य अपराध में बिना साक्ष्य और सुबूत कैसे गिरफ्तारी हो।

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