ईद-उल-अजहा के मौके पर मेरठ रेंज के जिलों मेरठ, बुलंदशहर, बागपत और हापुड़ में कुल 487 ईदगाह और 981 मस्जिदों में नमाज अदा की जाएगी। पुलिस प्रशासन ने साफ किया है कि सड़क पर नमाज पढ़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। डीआईजी कलानिधि नैथानी ने बताया कि मेरठ में 164 ईदगाह और 515 मस्जिद, बुलंदशहर में 171 ईदगाह और 213 मस्जिद, बागपत में 68 ईदगाह और 205 मस्जिद तथा हापुड़ में 84 ईदगाह और 48 मस्जिदों में नमाज होगी।
इन जिलों में कुल 84 स्थान संवेदनशील श्रेणी में रखे गए हैं, जिनमें मेरठ में 21, बुलंदशहर में 43, बागपत में 5 और हापुड़ में 15 ऐसे स्थल शामिल हैं। चारों जिलों को 27 जोन और 100 सेक्टरों में बांटा गया है, जहां 49 क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) तैनात की गई हैं।
शांतिपूर्ण नमाज सुनिश्चित करने के लिए चारों जिलों में 8 एएसपी, 25 सीओ, 95 इंस्पेक्टर, 820 दरोगा, 1250 हेड कांस्टेबल, 1635 कांस्टेबल, 1005 होमगार्ड और पीआरडी के जवान तथा दो कंपनियां पीएसी की ड्यूटी पर रहेंगी। डीआईजी ने जिलों के कप्तानों को ईदगाह और संवेदनशील क्षेत्रों का निरीक्षण करने के निर्देश भी दिए हैं।
डीआईजी ने खुले स्थानों पर कुर्बानी पर भी रोक लगाई है और कहा कि किसी भी गैर परंपरागत गतिविधि की अनुमति नहीं दी जाएगी। थाना प्रभारी और चौकी इंचार्ज इसके लिए जिम्मेदार होंगे। विशेष सतर्कता के तहत संवेदनशील जगहों पर स्टेटिक मजिस्ट्रेट और पुलिस पिकेट भी तैनात किए जाएंगे।
सुरक्षा बढ़ाने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में यूपी 112 की गाड़ियों के रूट मैप बनाए गए हैं, साथ ही भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी सुनिश्चित की जाएगी। ड्रोन कैमरों के जरिए भी मिश्रित और संवेदनशील इलाकों पर नजर रखी जाएगी और पैदल गश्त बढ़ाई जाएगी।
धार्मिक स्थलों की नियमित जांच भी की जाएगी और जिलों के कप्तान इन स्थलों पर पुलिस बल तैनात रखेंगे। सभी जिलों में टीमों के जरिए सुबह-सुबह धार्मिक स्थलों की निगरानी होगी।
असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाएगी और उनकी सूची बनाकर आवश्यकतानुसार रोकथाम की जाएगी। पिछले वर्षों में हुई घटनाओं की समीक्षा कर पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए जाएंगे। प्रत्येक मस्जिद में ईद-उल-अजहा की पूर्व रात्रि से सतर्कता बढ़ाई जाएगी ताकि किसी प्रकार की अफवाह न फैले।
सोशल मीडिया पर भी कड़ी नजर रखी जाएगी और झूठी सूचना फैलाने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी। सभी जिलों में सोशल मीडिया सेल को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं ताकि समय रहते किसी भी गलत सूचना का प्रभावी खंडन किया जा सके।