दो प्रभारी चिकित्साधिकारियों पर कार्रवाई से आहत 11 सामुदायिक और पांच प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारियों ने बुधवार को पद से सामूहिक इस्तीफा दे दिया। मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) की अनुपस्थिति में उनके कार्यालय में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (एसीएमओ) डॉ.तन्मय कक्कड़ को त्यागपत्र सौंपे। उन्होंने प्रशासनिक पद छोड़ इलाज व अन्य व्यवस्थाएं यथावत संभालने की बात कही।
चिकित्सकों का आरोप है कि संक्रमण काल में विपरीत परिस्थितियों में काम करने के बावजूद मानसिक और आर्थिक प्रताडऩा के साथ अधिकारी बेवजह कार्रवाई कर दबाव बना रहे हैं। पिछले साल कोरोना काल से ही लगन से स्वास्थ्य सेवाएं व विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित करते आ रहे हैं। संसाधनों की कमी के बीच भी संक्रमित लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने अफसरों पर बेवजह दबाव बनाने का आरोप भी लगाया। प्रभारियों में डॉ. ब्रजेश ने बताया कि बेवजह दबाव बना मानसिक और वेतन आदि रोककर आर्थिक शोषण किया जा रहा है। पीएमएस संघ के सचिव डॉ. संजीव की सीएमओ की वार्ता हुई है। गुरुवार को सीएमओ संग बैठक में विस्तृत चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं और कोरोना मरीजों के इलाज से जुड़े कार्य बाधित नहीं होंगे, सिर्फ प्रभारी का कार्य नहीं किया जाएगा।
इन दो प्रभारियों पर कार्रवाई पर भड़के:
सामूहिक त्यागपत्र में प्रभारी चिकित्साधिकारियों ने कहा है कि असोहा पीएचसी के प्रभारी डॉ. वीपी सिंह व फतेहपुर चौरासी के कार्यकारी प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. एसपी सिंह को बिना आरोप पत्र दिए व स्प्ष्टीकरण लिए अधीक्षक पद से हटाकर कोविड कंट्रोल रूम में लगा दिया गया। अधिकारियों की मनमानी कार्रवाई से आजिज आकर सभी प्रभारी चिकित्साधिकारी सामूहिक रूप से पद छोड़ रहे हैं।
अपर मुख्य सचिव व डीएम को भी भेजी त्यागपत्र की प्रतिलिपि:
चिकित्सकों ने सामूहिक त्यागपत्र की प्रति सीएमओ के साथ ही डीएम और अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, अपर स्वास्थ्य निदेशक लखनऊ मंडल को भी भेजी है।
इनका ये है कहना
दौरे पर रहने के दौरान सूचना मिली है। कार्यालय पहुंचकर प्रभारी चिकित्साधिकारियों से बात करके समस्या समाधान करूंगा। बेवजह दबाव और मानसिक व आर्थिक प्रताडऩा का आरोप गलत है। – डॉ.आशुतोष कुमार, सीएमओ