पंचायत सहायक भर्ती में खूब अनियमितता बरती जा रही है। उन्नाव जिले में औरास के बयारी गांव के बाद अब असोहा की ग्राम पंचायत मंझरिया में गड़बड़ी पकड़ी गई है। सीडीओ ने प्रशासनिक समिति में शामिल सभी सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। देर शाम प्रधान व सचिव तथा समित में शामिल अन्य सदस्यों पर मुकदमा दर्ज किया गया।
ग्राम पंचायतों में होनी वाली डाटा इंट्री ऑपरेटर के लिए भर्ती हाईस्कूल और इंटर के नंबरों की मेरिट के आधार पर होना है। दोनों कक्षाओं का औसत निकालने के बाद जिस आवेदक के सबसे अधिक नंबर होंगे उसका चयन किया जाएगा। लेकिन असोहा की मंझरिया ग्राम पंचायत में गाइडलाइन को दरकिनार करके चयन किया गया। इस पंचायत में सचिव छत्रपाल सिंह द्वारा प्रस्तुत की गई वरीयता सूची में पूजा पुत्री ठाकुर प्रसाद के प्राप्तांक का औसत 71.4 प्रतिशत दिखाया गया। इसी आधार पर पूजा को प्रथम स्थान पर दर्शाया गया। जबकि प्रीती रावत का प्राप्तांक 71 प्रतिशत दिखाकर उसे दूसरे स्थान पर पहुंचा दिया। जबकि प्रीती का वास्तविक प्राप्तांक 72.15 प्रतिशत है। इसकी शिकायत हुई तो सीडीओ दिव्यांशु पटेल ने पीडी के नेतृत्व में जांच टीम गठित कर जांच कराई। जांच सही पाई गई।
यहां प्रशासनिक समिति मेें शामिल प्रधान, सचिव व छह अन्य ग्राम पंचायत सदस्यों ने गलत कार्य करते हुए कम अंक वाली पूजा को पहले स्थान पर दिखाकर पंचायत सहायक के पद पर उसका चयन कराने का प्रयास किया। सीडीओ ने एडीओ असोहा मोहनलाल को सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिये। एडीओ पंचायत ने असोहा थाने में दी गई तहरीर में प्रधान अकील अहमद, सचिव छत्रपाल और पंचायत सदस्य रामसजीवन, जुनेद अली, रामेश्वर, हसीना, विटाना और सियाराम को नामजद करते हुए रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की गई है।