यूपी: मुख्तार को 10 साल तो अफजाल अंसारी को चार साल की सजा

गाजीपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर मामले में माफिया मुख्तार अंसारी और उसके भाई बसपा सांसद अफजाल अंसारी को दोषी करार दिया है। मुख्तार को दस साल की सजा सुनाई गई है। पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। इसी तरह अफजाल अंसारी को चार साल की सजा सुनाई गई और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। सजा के ऐलान के साथ ही अफजाल अंसारी की लोकसभा की सदस्यता खत्म होने की नौबत आ गई है। लोकसभा सचिवालय से नोटिफिकेशन जारी होते ही संसद की सदस्यता खत्म हो जाएगी।

सजा सुनते ही मुख्तार अंसारी व अफजाल के चेहरे की हवाइयां उड़ गईं। बांदा जेल में बंद मुख्तार की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेशी हुई थी, जबकि अफजाल कोर्ट में मौजूद था। उसे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया। गैंगस्टर का मामला 16 वर्ष पुराना है। मुख्तार व अफजाल के गैंग चार्ट में दिवंगत भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का मामला भी शामिल है।

क्या है मामला ?

Krishnanand Rai murder case: Mukhtar Ansari sentenced to ten years, court's big decision

गाजीपुर के मोहम्मदाबाद और करंडा थाने में दर्ज मामलों को लेकर वर्ष 2007 में मुख्तार अंसारी व अफजाल अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई थी। गैंग चार्ट में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या, वाराणसी के कोयला कारोबारी व विहिप नेता नंद किशोर रुंगटा के अपहरण व हत्या का मामला मामला शामिल है। एमपी/एमएलए कोर्ट ने इस मामले में 15 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रख लिया था। शनिवार को फैसला सुनाया जाना था, इसलिए अफजाल अंसारी सुबह ही एमपी/एमएलए कोर्ट पहुंच गया।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मुख्तार की पेशी

मुख्तार की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेशी कराई गई। इसी दौरान कोर्ट ने अपना फैसला पढ़कर सुनाया। सबसे पहले माफिया मुख्तार अंसारी को सजा सुनाई गई। कोर्ट ने 19 पेज का जो फैसला सुनाया है, उसमें गैंगस्टर के मामले को गंभीर बताया। इसके बाद अफजाल अंसारी को सजा सुनाई गई। अफजाल की सजा का फैसला 115 पेज में लिखा गया है। इसे पढ़कर सुनाने में कोर्ट को समय लगा है। जैसे ही सजा का ऐलान हुआ, वैसे ही अफजाल अंसारी को न्यायिक अभिरक्षा में ले लिया गया, फिर कोर्ट से ही सीधे जेल भेज दिया गया।

सुरक्षा के सख्त इंतजाम

माफिया और उसके भाई के खिलाफ फैसले को देखते हुए सुरक्षा के भारी इंतजाम किए गए। कोर्ट परिसर और बाहरी क्षेत्र का इलाका पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया। मुख्तार अंसारी मऊ सदर से कई बार विधायक रह चुका है। अफजाल भी गाजीपुर से दो बार लोकसभा का चुनाव जीत चुका है। फैसला सुनाने के दौरान कोर्ट परिसर और उसके बाहर गहमागहमी का माहौल रहा है।

वाराणसी के कारोबारी नंदकिशोर रूंगटा की अपहरण के बाद हत्या

जनवरी 1997 में कोयला व्यापारी और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कोषाध्यक्ष नंदकिशोर रूंगटा का उसके घर से अपहरण कर लिया गया था, फिर हत्या कर दी गई। जानकारी के मुताबिक, रूंगटा के परिवार से पांच करोड़ रुपये की फिरौती की मांगी गई थी। परिवार ने 1.5 करोड़ रुपये दे भी दिए थे। इसके बावजूद रूंगटा की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में माफिया मुख्तार अंसारी का नामजद किया गया था। मुख्तार के गैंगचार्ट में भी इस हत्याकांड का ब्योरा दर्ज है।

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